रायपुर: झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Jharkhand CM Hemant Soren) ने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 2021 (National Tribal Dance Festival 2021) का शुभारंभ किया. 3 दिवसीय महोत्सव में 7 देशों के नर्तक दल सहित देश के 27 राज्यों तथा 6 केन्द्र शासित प्रदेशों के 59 आदिवासी नर्तक दल (Tribal Dancers) शामिल हुए.
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इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं मुख्यमंत्री नहीं भी होता तो भी आदिवासी नृत्य महोत्सव देखने छत्तीसगढ़ जरूर आता है. हेमंत सोरेन ने कहा कि जहां ये कार्यक्रम आयोजन हो रहा है. ये कार्यक्रम पूरे देश के लिए एक संदेश है. आज हम चाहे तो ये वर्ग हमारे साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकता है. इस वर्ग के लोग मंत्री बनते हैं, संसद तक जाते हैं लेकिन ये वर्ग आज भी पिछड़ा है. मैं झारखंड से आता हूं. एक आदिवासी वर्ग से आता हूं. हमारे राज्य आदिवासी बहुल राज्य है. इस कार्यक्रम में आए विभिन्न कलाकारों को मैं देख रहा था.
भौतिकवादी युग में संघर्ष कर रहा जनजातीय समाज
बंगाल, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, बिहार इन सब के बीच में झारखंड स्थित है. कुल मिलाकर कहे जनजातीय समाज अपने आप को अपनी सभ्यता अपनी संस्कृति में मौजूद भौतिकवादी युग में लगातार संघर्ष कर रहा है. आज इस कार्यक्रम से इस जनजातीय वर्ग में भी एक आशा एक उम्मीद जगी है. जिससे ये अपनी परंपरा को अशून्य रखेंगे. इस पूरे परिसर में मेले का आयोजन है. जनजातीय समूहों को देश विदेश में सन्देश भेजने का एक मौका मिला है. हमारे राज्य में या सब ही जगहों पर हम देखते हैं कि जनजातीय वर्गों में अदभुत क्षमतायें देखने को मिलेगी. प्रकृति के साथ ये जुड़े रहते हैं. हमारे राज्य में सीमित संसाधनों में लड़कियां खेल में बहुत आगे है. न रहने को मकान न खाने को उसके बावजूद विदेश में अपना जौहर दिखाती है.
जल, जंगल और जमीन है आदिवसियों की आत्मा
महिला हॉकी का 10 दिवसीय टूर्नामेंट आयोजन किया गया है. सभी वर्ग की महिलाएं है. हमने हमारे राज्य में पूरे हमारे राज्य से विदेश में पढ़ने वाले छात्रों को 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप देने का निर्णय लिया है. हमने हाल ही में 6 बच्चों को यूके भेजा है. हम जानते हैं कि जल, जंगल, जमीन आदिवसियों की आत्मा है. वो इनके इर्दगिर्द ही रहते हैं. इनके पास बोरे भरकर पैसे नहीं होते हैं. इनके जानवर खेत खलिहान इनकी वन उपज इनकी सम्पति है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वन उपज को समर्थन मूल्य दिया है. हमारा यूपीए गठबंधन आदिवासियों के लिए हमेशा कटिबद्ध रहा है कि इस देश का सबसे कमजोर वर्ग फिर किसान मजदूर हो आदिवासी हो. उनके लिए काम किया जाए. कोरोना महामारी में आई आर्थिक महामंदी में सबने अपने अपने लोगों को संभालने का काम किया. हमें वैश्विक महामारी के बारे कुछ पता नहीं था, अंधेरे में तीर चलाया जा रहा है. बंगाल, उड़ीसा, झारखंड और छत्तीसगढ़ सुरक्षित है तो लोगों की सूझबूझ से सुरक्षित रहा है. कही न कही वैश्विक महामारी का खतरा बना है. लेकिन रोका नहीं जा सकता है. इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. सावधानी के साथ आगे बढ़ेंगे.