रायपुर:छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना पर कई गंभीर सवाल खड़े किए (Chief Minister Bhupesh Baghel statement on AGNIPATH scheme ) हैं. बघेल ने कहा है," युवाओं को हथियार चलाना सिखाकर बेरोजगार करना, उन युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. पुलिस और सेना के जवानों की ट्रेनिंग अलग-अलग होती है. केंद्र सरकार से मेरी मांग है कि सेना में पूर्णकालिक भर्ती की जाए."
सेना और पुलिस की ट्रेनिंग होती है अलग-अलग:छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सर्किट हाउस में शुक्रवार को मीडिया से मुखातिब हो सीएम बघेल ने कहा, "छत्तीसगढ़ में होने वाली पुलिस भर्ती में प्रदेश के नौजवानों की भर्ती तो हम कर ही रहे हैं. बस्तर फाइटर्स की भर्ती में बस्तर के बच्चों को मौका दे रहे हैं. एक तो केन्द्र सरकार ने 2 साल से सेना में भर्ती बंद कर दी थी. दूसरी ओर 4 साल के लिए लिए युवाओं को अब सेना में रख रही है. 4 साल बाद जब ये जवान वापस आएंगे तो क्या करेंगे?" बघेल ने कहा, "पुलिस लॉ एंड ऑर्डर के लिए होती है जबकि सेना का काम देश की सुरक्षा करना होता है. सेना के लोगों के सामने दो ही तरह के लोग होते हैं. एक दोस्त और दूसरा दुश्मन. दुश्मन सामने दिखे तो उसे खत्म करना, उनसे युद्ध करना, सैनिकों का काम होता है. सेना को इसकी विशेष ट्रेनिंग दी जाती है. लॉ एंड आर्डर संभालने के लिए, पुलिस की ट्रेनिंग अलग होती है. सेना और पुलिस की ट्रेनिंग में अंतर होता है."
सेना में पूर्णकालिक भर्ती की मांग:छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, "केंद्र की सरकार, अग्निपथ योजना के माध्यम से क्या संदेश देना चाह रही हैं? पुलिस प्रदर्शनकरियों को समझा-बुझाकर अपने पब्लिक रिलेशन डिवेलप करके कानून व्यवस्था को सम्हालती है. सेना ऐसा नहीं करती. मेरा केंद्र सरकार से सवाल है कि सेना में पूर्णकालिक भर्ती क्यों नहीं की जा रही है ? अग्निपथ के जरिये भर्ती होने वाला जवान, 23 साल का लड़का, वापस जब अपने घर लौट आएगा और बेरोजगार होगा तब वह क्या करेगा?" पूर्णकालिक भर्ती करने में आखिर केंद्र की सरकार को तकलीफ क्या है ?
बेरोजगार अग्निवीर बन सकते हैं मुसीबत: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, "चार साल बाद वापस आने वाले सभी जवानों को पुलिस में भर्ती कर पाना भी संभव नहीं है. नौकरी न पाने वाले जवान फिर क्या करेंगे?" इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने इस बात पर जोर दिया कि अग्निवीर जवान, बंदूक चलाने की ट्रेनिंग लेकर वापस आएंगे. बघेल ने चिंता जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार समाज को किस दिशा में ले जाना चाह रही है." मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, " केंद्र सरकार की नीयत ठीक दिखाई नहीं दे रही है. समाज के बच्चों को आप आधा अधूरा छोड़ देंगे, फिर आशंका इस बात की भी रहेगी कि वे गिरोह बनाकर आपराधिक घटनाओं में शामिल हो सकते हैं. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आखिर किन लोगों ने नक्सलियों को ट्रेनिंग दी. हजारों की संख्या में नौजवान बेरोजगार हो जाएंगे तब आगे क्या होगा? अगर कुछ युवा भी गुमराह हो गए तब गांव, शहर और प्रदेश को भी इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है."