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तहसील और जिला बनने से प्रशासन पहुंचेगा जनता के करीब, योजनाओं का होगा बेहतर क्रियान्वयन

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में चार नये जिलों की घोषणा की थी. जिसके बाद प्रदेश में 28 की जगह अब कुल 32 जिले हो जाएंगे.

Chief Minister Bhupesh Baghel announced
योजनाओं का होगा बेहतर क्रियान्वयन

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Published : Aug 16, 2021, 10:47 PM IST

Updated : Aug 16, 2021, 10:57 PM IST

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को बड़े तोहफे का ऐलान किया था. सीएम बघेल ने छत्तीसगढ़ में 4 नए जिले और 18 तहसील के गठन की घोषणा की है. इन चार नए जिलों के साथ प्रदेश में 28 की जगह अब 32 जिले हो जाएंगे. आइए जानते हैं कि आखिर नए तहसील और जिलों के निर्माण के क्या नफा नुकसान है.

सुशील त्रिवेदी से खास बातचीत

तहसील क्या है

तहसील भारत की एक प्रशासनिक इकाई है. एक देश में कई राज्य होते हैं और एक राज्य में कई जिले होते हैं. एक जिले में कई तहसील होती है. तहसील का एक प्रभावी अधिकारी होता है. जिसे तहसीलदार कहते हैं. यह कस्बों और गांवों से जुड़े जमीनों के काम संभालने के लिए रखा गया है. एक कस्बे में एक तहसील होती है, जो एक समिति क्षेत्र की को संभालती है.

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लोगों के लिए होगा फायदेमंद

तहसील बनाए जाने से लोगों को काफी राहत मिलेगी. उनके काम आसान हो जाएंगे. उन्हें छोटे-छोटे कामों के लिए दूर नहीं भागना होगा. साथ ही उनका समय और पैसा दोनों बचेंगे. क्योंकि कई बार तहसील कार्यालय काफी दूर होने से लोगों को अन्य संसाधनों की मदद से वहां तक पहुंचना होता था. जिससे उनका आर्थिक बोझ बढ़ता था. इसके अलावा छोटे-छोटे कामों के लिए भी उन्हें एजेंट या फिर दूसरों पर निर्भर होना पड़ता था. ऐसे में यदि तहसील बन जाता है तो उसके आसपास के लोगों को इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा. उनका काम आसानी से हो जाएगा. उनका धन और समय दोनों की बचत होगी.

तहसीलदार कार्यालय

तहसील में क्या-क्या काम होते हैं

तहसील में राजस्व संबंधित सभी कार्य होते हैं. सीमांकन, नामांतरण और डायवर्सन के काम होते हैं. इलेक्शन कार्ड बनाना, राशन कार्ड बनाना समय-समय पर प्रशासनिक योजनाओं से संबंधित दस्तावेज भी तहसील से बनाये जाते हैं.

क्या है जिला

जिला देश में पाई जाने वाली प्रशासनिक इकाई है. जिले के आकार में जगह-जगह का भारी अंतर होता है. कहीं तो कुछ गांव जोड़कर ही जिला बनता है जबकि अन्य स्थानों पर विशाल क्षेत्र एक जिले में सम्मिलित होते हैं. भारत में हर जिला कई तालुका, तहसीलों और प्रखंडों को जोड़कर बनता है और कई जिले को जोड़कर एक राज्य बनता है.

जिला बनने से क्या फायदा होगा

जिला बनने से लोगों को क्या फायदा मिलेगा और सरकार पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा. इन तमाम बातों को लेकर ईटीवी संवाददाता प्रदेश के प्रथम राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील त्रिवेदी से बात की.

तहसीलदार कार्यालय
योजनाओं का होगा बेहतर क्रियान्वयन

जिला बनने से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. क्योंकि जिले में एसपी, कलेक्टर बैठते हैं. अन्य विभागों के स्थानीय कार्यालय होते हैं. जिससे उनसे संबंधित सभी कार्य आसानी से और कम समय में हो सकते हैं. क्षेत्र के विकास की योजनाएं के क्रियान्वयन कलेक्टर और एसपी सहित प्रशासनिक अमले के द्वारा किया जाता है. कानून व्यवस्था पर नकेल प्रशासनिक अमले के माध्यम से रखी जाती है. साथ में स्थानीय स्तर पर सर्वे कर कई योजनाओं की रूपरेखा तैयार कर प्रशासनिक अमले के द्वारा सरकार के पास भेजी जाती है. जिस पर सरकार विचार विमर्श कर उन चीजों को आम लोगों तक पहुंचती है.

लाभ कमाने के लिए नहीं है सरकार

वहीं तहसील और जिला निर्माण से कहीं न कहीं सरकार पर हां थोड़ा आर्थिक बोझ भी बढ़ता है. क्योंकि इसके लिए सरकार को पूरा सेटअप तैयार करना पड़ता है. जहां तहसील में तहसीलदार सहित अन्य विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों की नियुक्ति की जाती है, तो वहीं दूसरी ओर जिले में बनने पर वहां कलेक्टर, एसपी सहित कई विभागीय अधिकारियों को तैनात किया जाता है. जिससे क्षेत्र का विकास हो सके और लोगों की समस्याओं का समाधान हो सके और इससे सरकार पर जरूर थोड़ा आर्थिक बोझ पड़ेगा. लेकिन इससे योजनाओं का क्रियान्वयन पहले की अपेक्षा और बेहतर होगा.

कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि प्रदेश में 4 नए जिले और 18 तहसील बनने से कहीं ना कहीं लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. उनके कामकाज सरल होंगे. समय और पैसे की भी बचत होगी. इसके साथ ही उनके उनका और उनके क्षेत्र का बेहतर विकास हो सकेगा. हालांकि यह जरूर है कि इसके सेट अप में सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा. लेकिन यह यह आर्थिक बोझ योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए कुछ खास नहीं हुआ है.

Last Updated : Aug 16, 2021, 10:57 PM IST

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