रायपुर: देशभर में आज मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. प्रदेश में भी इसकी रौनक देखने को मिल रही है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्यपाल अनुसुइया उइके ने प्रदेशवासियों को मकर संक्रांति, पोंगल और लोहड़ी पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. सीएम बघेल ने लोगों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूर्य को अन्न, धन और समस्त ऊर्जा का आधार माना गया है. यह पर्व देश, प्रदेश सहित सभी लोगों के जीवन में भी सुखद परिवर्तन लेकर आए. राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि देश के विभिन्न प्रान्तों में अलग-अलग नामों से मनाई जाने वाली मकर संक्रांति, पोंगल, माघ, बीहू जैसे पर्व भारत की सांस्कृतिक एकता को प्रदर्शित करते हैं. हमें एकता के सूत्र में बांधे रखते हैं.
स्नान-दान का होता है महत्व
हर साल 14 और 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. सभी पंतग उड़ाकर मकर संक्रांति सेलिब्रेट करते हैं. इस दिन किया गया दान अक्षय फलदायी होता है. स्नान-दान शुभ मुहूर्त में करें, तो फल और शुभदायी होता है. ज्योतिषीय गणना के अनुसार, सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने की प्रक्रिया को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है. सूर्य देव मकर संक्रांति के दिन उत्तरायण होते हैं, इसे सूर्य का राशि परिवर्तन भी कहा जाता है. गुरुवार को पड़ने वाली इस बार की मकर संक्रांति कई मायनों में विशेष है.
8ः14 बजे शुरू होगा शुभ मुहूर्त
संक्रांति इस साल बेहद खास संयोग में आ रहा है. इस साल मकर संक्रांति की तिथि को लेकर किसी तरह का कन्फ्यूजन भी नहीं है. इस साल मकर संक्रांति 14 जनवरी को ही पूरे देश में मनाई जाएगी. ज्योतिषाचार्य पंडित बृजेंद्र मिश्र के अनुसार इस साल ग्रहों के राजा सूर्य का मकर राशि में आगमन गुरुवार 14 जनवरी को सुबह 8 बजकर 14 मिनट पर हो रहा है. गुरुवार को संक्रांति होने की वजह से यह नंदा और नक्षत्रानुसार महोदरी संक्रांति मानी जाएगी. जो ब्राह्मणों, शिक्षकों, लेखकों, छात्रों के लिए लाभप्रद और शुभ रहेगी.
पूजा की विधि
सूर्य देव को मकर संक्रांति के दिन अर्घ्य के दौरान जल, लाल पुष्प, फूल, वस्त्र, गेहूं, अक्षत, सुपारी आदि अर्पित की जाती है. सूर्य के बीज मंत्र का आज जाप करें. श्रीमद्भागवद के एक अध्याय का पाठ करें या गीता का पाठ करें. मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी का विशेष महत्व होता है. संध्या काल में अन्न का सेवन न करें. इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को बर्तन समेत तिल का दान करने से शनि से जुड़ी हर पीड़ा से मुक्ति मिलती है.