रायपुर: छत्तीसगढ़ में इस बार कड़ाके की सर्दी पड़ने के आसार हैं. इस वजह है ला नीना प्रभाव. इस बार मौसम पर ला नीना का प्रभाव रहेगा और सर्दी का सितम कहर ढा सकता है. मौसम विभाग की माने तो ला नीना के प्रभाव के कारण इस साल कड़ाके की ठंड पड़ेगी. इस दौरान शीत लहर में भी इजाफा होगा. ला नीना और अल नीनो की परिस्थितियां इसमें बड़ी अहम भूमिका निभाती हैं. ला नीना के कमजोर पड़ने से पिछले साल के मुकाबले इस साल ज्यादा ठंड पड़ने की संभावना है. दिसंबर महीने में ला नीना का प्रभाव शुरू हो गया है. राजधानी सहित प्रदेश में दिसंबर से लेकर फरवरी यानी 3 महीनों तक पिछले साल की तुलना में ज्यादा ठंड पड़ेगी.
क्या है ला लीना प्रभाव?
मौसम विभाग के वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया कि भूमध्य रेखीय प्रशांत महासागर के पानी का तापमान 3 से 4 सालों में एक बार गर्म होता है और एक बार ठंडा होता है. भूमध्य रेखीय प्रशांत महासागर का पानी जब ठंडा होता है, उसे ला नीना के नाम से जाना जाता है. जब यही पानी गर्म होता है तो इसे एल नीनो के नाम से जाना जाता है. एल-नीनो और ला-नीना हवा के विषमता के कारण सतह के तापमान बदलने से पैदा होती हैं. ला-नीना में हवाएं बहुत मजबूत हो जाती हैं. और इस दौरान ठंड का एहसास होता है. जबकि, एल-नीनो में हवाएं काफी कमजोर हो जाती हैं.