छत्तीसगढ़ चुनाव में कांग्रेस ने एससी सीटों पर पकड़ नहीं खोई, जानिए एससी सीटों का पूरा हाल - उत्तरी गणपत जांगड़े
Chhattisgarh vidhan sabha chunav result 2023 छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार हुई है. कुल 35 सीटों पर कांग्रेस को संतोष करना पड़ा है. लेकिन कांग्रेस को एससी सीटों पर अच्छी जीत मिली. जिससे उसका प्रदर्शन ठीक रहा poll defeat in CG Congress hold over SC seats
रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भाजपा के हाथों बुरी हार का सामना करना पड़ा. फिर भी इस सबसे पुरानी पार्टी ने अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित सीटों पर अपना कब्जा बरकरार रखा.कांग्रेस ने इस बार एससी वर्ग के लिए आरक्षित 10 सीटों में से छह पर जीत हासिल की, जो 2018 की तुलना में एक कम है. राज्य की लगभग तीन करोड़ की आबादी में अनुसूचित जातियां लगभग 12 प्रतिशत हैं.
क्या रहे छत्तीसगढ़ चुनाव के नतीजे: भाजपा ने रविवार को छत्तीसगढ़ चुनाव में जीत हासिल करते हुए राज्य विधानसभा की 90 सीटों में से 54 सीटें जीत ली है. जबकि कांग्रेस को 35 सीटें मिलीं. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी यानी की जीजीपी को एक सीट मिली है.
कांग्रेस ने एससी सीटों पर किया कमाल: 2018 में, कांग्रेस को 10 एससी-आरक्षित सीटों में से सात पर जीत मिली है. जबकि भाजपा को दो और बहुजन समाज पार्टी को एक सीट मिली है. इस बार कांग्रेस ने इस श्रेणी में छह सीटें जीतीं- सारंगढ़, मस्तूरी, पामगढ़, सरायपाली, बिलाईगढ़ और डोंगरगढ़. इन छह सीटों में से, मस्तूरी और पामगढ़ 2018 में भाजपा और बसपा ने जीती थी सारंगढ़ में, कांग्रेस ने इस बार अपने मौजूदा विधायक उत्तरी गणपत जांगड़े को मैदान में उतारा, जिन्होंने भाजपा की शिवकुमारी चौहान को 29,695 वोटों के अंतर से हराया।
जानिए कांग्रेस ने किन सीटों पर जीत दर्ज की: कांग्रेस ने सरायपाली, बिलाईगढ़ और डोंगरगढ़ क्षेत्रों में अपने मौजूदा विधायकों को टिकट देने से इनकार कर दिया और नए चेहरों सभी महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है. कांग्रेस ने इन सीटों पर चतुरी नंद, कविता प्राण लहरे और हर्षिता स्वामी बघेल को मैदान में उतारा और तीनों ने जीत दर्ज की है. पामगढ़ में भी, कांग्रेस ने एक नया चेहरा, महिला उम्मीदवार शेषराज हरबंस को मैदान में उतारा, जो भाजपा के संतोष कुमार लहरे के खिलाफ जीत हासिल करने में सफल रहीं. पामगढ़ में बसपा की मौजूदा विधायक इंदु बंजारे तीसरे स्थान पर रहीं.मस्तूरी में कांग्रेस के पूर्व विधायक दिलीप लहरिया ने भाजपा के निवर्तमान विधायक कृष्णमूर्ति बांधी को 20141 वोटों से हराया.
कांग्रेस के बड़े एससी चेहरे भी चुनाव हारे: कांग्रेस के एससी समुदाय के दो प्रभावशाली नेता और मौजूदा मंत्री शिवकुमार डहरिया और गुरु रुद्र कुमार अपने भाजपा प्रतिद्वंद्वियों से हार गए. डहरिया आरंग सीट पर भाजपा के गुरु खुशवंत साहब से 16,538 वोटों से हार गए.खुशवंत साहेब सतनामी संप्रदाय के गुरु बालदास साहेब के बेटे हैं, जो विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर अपने बेटे के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे.कांग्रेस ने इस बार नवागढ़ सीट से सतनामी संप्रदाय के गुरु रुद्र कुमार को मैदान में उतारा, जहां उसने अपने मौजूदा विधायक को टिकट देने से इनकार कर दिया।नवागढ़ में रुद्र कुमार को वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मंत्री दयालदास बघेल के खिलाफ 15,177 वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा. 2018 में, रुद्र कुमार ने अहिवारा सीट से चुनाव जीता था. जहां कांग्रेस ने इस बार एक नया चेहरा निर्मल कोसरे को मैदान में उतारा.
बीजेपी ने किन एससी सीटों पर जीत की दर्ज: अहिवारा और मुंगेली दो अन्य एससी-आरक्षित सीटें हैं जो इस बार भाजपा ने जीती हैं. छह बार के विधायक और चार बार सांसद रहे वरिष्ठ भाजपा नेता पुन्नूलाल मोहिले ने अपनी पारंपरिक मुंगेली सीट पर जीत हासिल की है. उन्होंने कांग्रेस के संजीत बनर्जी के खिलाफ 11,781 वोटों के अंतर से जीत दर्ज किया है. अहिवारा में बीजेपी के पूर्व विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा ने कांग्रेस के निर्मल कोसरे को 25263 वोटों से हराया. 2013 के चुनावों में, भाजपा ने 10 एससी सीटों में से नौ पर जीत हासिल की है. जबकि कांग्रेस को सिर्फ एक सीट मिली है.