रायपुरःकोरोना और लॉकडाउन (Corona and lockdown) के कारण बस संचालकों की माली हालत काफी खराब हो चुकी है. पिछले 16 महीने से यात्री बसों का संचालन अधिकांश बंद है. अब बस संचालक यात्री किराया बढ़ाने की मांग (Bus fare will increase in Chhattisgarh) कर रहे हैं. पूरे प्रदेश में लगभग 12000 यात्री बसें चलती हैं. जिनका संचालन पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाया है. ऐसे में इसे शुरू करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं. संचालकों का कहना है कि पेट्रोल और डीजल के दाम (Petrol and diesel prices) लगातार बढ़ रहे हैं. संचालक करीब 35 प्रतिशत किराया बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. बस संचालकों ने सरकार को 28 जून तक यात्री किराया बढ़ाने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि यात्री किराया में वृद्धि नहीं होने पर वे चरणबद्ध आंदोलन करेंगे.
किराया बढ़ाने की मांग
बस संचालकों (Bus operator) का कहना है कि डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है. यात्री किराया नहीं बढ़ने से केवल 10 प्रतिशत बसों का ही संचालन हो रहा है. संचालकों का कहना है कि इतने कम किराये में सभी बसों का संचालन संभव नहीं है. इस व्यवसाय से जुड़े बस मालिक, ड्राइवर, कंडक्टर, हेल्पर और क्लीनर सहित लगभग 1 लाख 8 हज़ार लोगों की रोजी-रोटी प्रभावित हुई है. उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में लगभग 30 से 35 प्रतिशत तक यात्री किराया बढ़ाया जा चुका है. छत्तीसगढ़ में लंबे समय से यात्री किराया नहीं बढ़ाया गया है. ऐसे में छत्तीसगढ़ के सभी बसों का संचालन शुरू नहीं किया जा सकता.
आर्थिक संकट से जूझ रहे संचालक
बस कर्मचारी कल्याण समिति का कहना है कि बस मालिक छत्तीसगढ़ के ड्राइवर और कंडक्टर को प्राथमिकता ना देकर दूसरे राज्य के ड्राइवर और कंडक्टर को बुलाकर अपनी बसों का संचालन कर रहे हैं. जिसके कारण छत्तीसगढ़ के ड्राइवर और कंडक्टर की स्थिति पहले से ज्यादा खराब हो गई है. हालात यह हो गए हैं कि परिवार पालने के लिए घर में रखें जेवरात भी बेचने पड़ रहे हैं.