रायपुर:छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव आरपी मंडल ने राज्य गीत के प्रचार-प्रसार और हथकरघा कारीगरों को प्रोत्साहित करने के लिए शासकीय कार्यक्रमों में अतिथियों को देने वाले साड़ी, साफा, स्टॉल जैसे तोहफे पर राज्य गीत 'अरपा पैरी के धार...' को उकेरने के निर्देश दिए हैं. कोसा-सिल्क साड़ियों और स्टॉल को प्रतीक चिन्ह के रूप में भेंट देने के लिए उपयोग करने का दिशानिर्देश दिया गया है. इस संबंध में प्रदेश के सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष सभी संभागायुक्त और कलेक्टर्स को दिशा निर्देश दिया गया है.
जारी पत्र में उल्लेखित है, डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा की ओर से रचित छत्तीसगढ़ी गीत ’अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार’ को राज्य गीत घोषित किया गया है. छत्तीसगढ़ राज्य हथकरघा विकास और विपणन सहकारी संघ की ओर से टसर कोसा, सूती सिल्क की साड़ियों, शॉल, स्टॉल और साफा पर हथकरघा के माध्यम से राज्यगीत बुनवाया गया है. कोसा सिल्क साड़ी में राज्य गीत हाथ की बुनाई के अतिरिक्त हाथ से कढ़ाई, मशीनी कढ़ाई और प्रिंट के माध्यम से भी उकेरा गया है.