रायपुर: वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद और पूर्व विधायक डॉ. खेलन राम जांगड़े का शनिवार दोपहर को बिलासपुर में निधन हो गया. जांगड़े का हार्टअटैक से निधन हुआ है. वे 75 वर्ष के थे. जांगड़े को दो दिन पहले ब्लड प्रेशर और शुगर की शिकायत पर वंदना हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी. हालांकि सीटी स्कैन में संक्रमण दिखाई दिया था. सरकंडा स्थित मुक्तिधाम में शाम को कोरोना प्रोटोकॉल के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.
1980 में पहली बार बने थे विधायक
पेश से आयुर्वेदिक चिकित्सक रहे डॉ. जांगड़े रायपुर आयुर्वेदिक कॉलेज से उन्हें डॉक्टरी की शिक्षा हासिल की. इसके बाद उन्होंने मुंगेली के पास फुलवारी गांव में प्रैक्टिस शुरू की. इसी के चलते ही उनको क्षेत्र में काफी जान पहचान बन गई थी. डॉ. जांगड़े साल 1980 में मुंगेली से विधायक चुने गए थे. उसके बाद 1984 और 1991 में वे बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने.
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मिनीमाता के कारण मिला था विधानसभा टिकट
एक दिलचस्प किस्सा है कि क्षेत्र के जनसंघ के कद्दावर नेता स्व. निरंजन लाल केशरवानी ने डॉ. जांगड़े को राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया था. तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. प्रकाश चंद्र सेठी के मुंगेली प्रवास के दौरान वे उनके नजदीक आए थे. मिनीमाता से भी उन्हें स्नेह मिला. मिनी माता ने ही उन्हें विधानसभा का टिकट दिलवाया था. बाद में भी स्व. विद्याचरण शुक्ल, स्व. अर्जुन सिंह और स्व. अजीत जोगी के वे नजदीक रहे. उनके कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं से अच्छे संबंध थे. आम लोगों में भी सरल छवि के कारण वे अच्छी पकड़ रखते थे.
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डॉ. जांगड़े की जनता के बीच गहरी पैठ थी. वे 1984 और 1991 में बिलासपुर लोकसभा सीट से सांसद रहे. यही कारण है कि 1996 के बाद से बिलासपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस को अब तक जीत नहीं मिल पाई है. मुंगेली में भी कांग्रेस में उनके उनके कद का कोई नेता तैयार नहीं हो सका है. पिछले कुछ सालों से वे राजनीति से दूर रहे. जांगड़े नेहरू नगर स्थित बिलासपुर अपने निवास में लोगों से मिला करते थे. पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी ने उन्हें छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग का सदस्य बनाया था. वे कुछ समय तक कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे. आम लोगों में भी उनकी सरल छवि थी. पिछले कुछ सालों से डॉ. जांगड़े राजनीति से दूर हो चुके थे.