रायपुर: आयुष्मान भारत की ताजा रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ को लेकर सनसनीखेज खुलासा हुआ है. इस चौंकाने वाले आंकड़े से प्रदेश में तहलका मचा हुआ है. गर्भाशय निकालने में छत्तीसगढ़ देश में पहले स्थान पर है. डॉक्टर्स ने सात महीने में 3658 महिलाओं के गर्भाशय निकाले हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि 94.5 प्रतिशत ऑपरेशन निजी अस्पतालों में हुए हैं.
प्रदेश के डॉ. अखिलेश दुबे का दावा है कि 6 महीने में स्वास्थ्य सुविधा लचर हो गई है. कहा है कि प्रदेश में चिकित्सा में लापरवाही से 1000 मौत हो चुकी हैं.
सरकार कंफ्यूजन में : डॉ. दुबे
अस्पताल में गर्भाशय निकालने में छत्तीसगढ़ के नंबर वन होने पर भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ सहसंयोजक डॉ. अनिरुद्ध दुबे ने चिंता जताई है. आयुष्मान भारत और यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम को लेकर सरकार कंफ्यूजन में है. इतनी बड़ी संख्या में गर्भ निकाले जाना चिंता का विषय है. छत्तीसगढ़ में कुछ साल पहले गर्भाशय कांड के बाद राज्य सरकार की गठित समिति की रिपोर्ट के बाद महिलाओं के गर्भाशय निकालने के पहले शासन की अनुमति लेना अनिवार्य हो गया था. आयुष्मान में साफ है शासन की अनुमति होना चाहिए. इसमें शासकीय अमला भी दोषी हो सकता है जो अनुमति दे रहा है. व्यक्तिगत लाभ के लिए भी गर्भाशय निकाले जा सकते है. इसकी जांच की जानी चाहिए. छोटे राज्य में इतने केस आना सही नहीं कहा जा सकता, इसकी जांच होनी चाहिए.