रायपुर: रायपुर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में अधिकारी कर्मचारी संघ ने हड़ताल किया. अधिकारी कर्मचारी संघ 25 जुलाई से 29 जुलाई तक हड़ताल पर थे. जिसकी वजह से छत्तीसगढ़ के सरकारी विभागों में कामकाज पूरी तरह ठप हो गया. प्रदेश सरकार ने हड़ताल के पांचवे और अंतिम दिन शुक्रवार को शासकीय कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन काटने और ब्रेक इन सर्विस का आदेश जारी कर दिया. बघेल सरकार के इस कदम से पूरे छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों में खासी नाराजगी देखी जा रही है. कर्मचारियों ने इस कार्रवाई को अनुचित बताया है.
छत्तसीगढ़ कर्मचारी और अधिकारी फेडरेशन जलाएगी सरकार के आदेश की प्रतियां :प्रदेश भर के कर्मचारी और अधिकारियों में इसे लेकर नाराजगी देखने को मिली. कर्मचारी और अधिकारी संगठन का कहना है कि 5 दिनों की इस हड़ताल की समीक्षा करने के बाद रविवार 31 जुलाई को सरकार के इस आदेश की प्रतियां भी जलाई जाएंगी. सरकार की इस तरह की कार्यवाही को को कर्मचारी संगठन तानाशाही आदेश बता रहे हैं.
वेतन कटौती और ब्रेक इन सर्विस पर छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी संघ आगबबूला !
वेतन कटौती और ब्रेक इन सर्विस पर छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी संघ ने नाराजगी जताई है. उन्होंने सरकार से इस आदेश पर विचार करने को कहा है नहीं को 31 जुलाई को छत्तीसगढ़ में बड़ा प्रदर्शन छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी संघ करेगा
ये भी पढ़ें: बस्तर में छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी संघ की हड़ताल, सरकारी दफ्तरों में पसरा सन्नाटा
सरकार ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम का दिया हवाला:10 अप्रैल 2006 में एक आदेश निकाला गया था उसी आदेश का हवाला देकर प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. कार्रवाई के निर्देश में हड़ताल के संबंध में स्पष्ट गाइडलाइन है. मुख्य सचिव की तरफ से जारी आदेश में हड़ताल से पहले अवकाश पर जाना कदाचार माना गया है. छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का यह स्पष्ट उल्लंघन है. छुट्टियां अप्रूव होने से पहले अवकाश पर जाना सरकारी सेवकों के लिए प्रतिबंधित है. इस अवधि में न तो वेतन मिलेगा और ना ही अनुपस्थिति का अवकाश स्वीकृत किया जाएगा. इस अवधि को ब्रेक इन सर्विस माना जाएगा. सरकार ने इस आदेश पर सोमवार एक अगस्त से अमल करने का आदेश दिया है.