रायपुर: रायपुर में एक सितंबर से छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ विरोध प्रदर्शन कर रहा (chhattisgarh irregular employees federation dharna) है. कर्मचारी नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं. लेकिन उनकी मांगें अब तक पूरी नहीं हुई है. मंगलवार को रायपुर की सड़कों पर उतरकर कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया. अनियमित कर्मचारी संघ विरोध प्रदर्शन के दौरान सीएम हाउस का घेराव करने निकला. लेकिन रायपुर पुलिस ने कर्मचारियों को स्मार्ट सिटी ऑफिस के पास रोक दिया. उसके बाद कर्मचारियों स्मार्ट सिटी हाउस की सड़कों पर डेरा डाल दिया है. दोनों ओर से बैरिकेडिंग कर रायपुर की सड़कों पर महिला कर्मचारी समेत सभी अनियमित कर्मचारी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. यह सड़क 10 घंटे से जाम है. यहीं पर कर्मचारी खाना बना रहे हैं और सभी कर्मचारी सड़कों पर सोने को मजबूर हैं irregular employees protest on road in night at raipur.
रायपुर की सड़कों पर रात में उतरे अनियमित कर्मचारी, जानिए वजह - बघेल सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
chhattisgarh irregular employees federation dharna छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी संघ लगातार एक सितंबर से आंदोलन पर है. मंगलवार को कर्मचारियों ने सीएम हाउस का घेराव शुरू किया. लेकिन उन्हें स्मार्ट सिटी ऑफिस के पास रोक दिया गया. अनियमित कर्मचारी संघ के कर्मचारियों ने सड़कों पर मोर्चा खोल दिया है. रात में स्मार्ट सिटी की सड़क के पास कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं. दोनों तरफ से सड़कों पर बैरिकेडिंग कर दी गई है. irregular employees protest on road in night at raipur
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स्मार्ट सिटी ऑफिस के पास की सड़कें की गई बंद: स्मार्ट सिटी ऑफिस के पास की सड़कें पूरी तरह से बंद हैं. पुलिस के जवान भी पिछले 10 घंटे से स्मार्ट सिटी दफ्तर के पास ड्यूटी कर रहे हैं सड़क के दोनों तरफ बैरिकेडिंग लगाकर रोड को ब्लॉक कर दिया गया है ताकि यातायात व्यवस्था दूसरी सड़कों से सुचारू रूप से बहाल हो सकें. अनियमित कर्मचारियों की प्रदर्शन से रायपुर की सड़कों पर मंगलवार को लंबा जाम लग गया. इस विरोध प्रदर्शन में छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के बैनर तले प्रदेश भर के कर्मचारी एकजुट हैं. जिसमें रसोइया संघ और किसान मित्र भी शामिल हैं. अगर पूरे प्रदेश में अनियमित कर्मचारियों की संख्या की बात करें तो इनकी संख्या लगभग 1 लाख 80 हजार है जो बीते कई वर्षों से अलग-अलग विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
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मांगें नहीं माने जाने से हैं नाराज :छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रवि गढ़पाले ने बताया कि "भूपेश सरकार ने घोषणा पत्र में सरकार बनते ही 10 दिनों में नियमित करने का वादा किया था. लेकिन आज सरकार को बने लगभग 4 साल हो रहे हैं. बावजूद इसके अनियमित कर्मचारियों को आज तक नियमित नहीं किया गया है. सोमवार को भी अनियमित कर्मचारी महासंघ मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने निकले थे और देर रात पुलिस ने समझाइश दी थी. जिसके बाद वापस प्रदर्शन स्थल पहुंच गए थे. लेकिन आज मंगलवार को फिर एक बार अनियमित कर्मचारी उग्र होकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने निकले हैं. इसके बावजूद भी सरकार अगर इनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं करती है. तो अपने हड़ताल के तरीके और रणनीति में बदलाव करेंगे."
क्या है अनियमित कर्मचारियों की मांगें.
- समस्त अनियमित कर्मचारी अधिकारियों को नियमित किया जाए.
- पिछले कुछ सालों में निकाले और छटनी किए गए अनियमित कर्मचारियों को पुनः बहाल किया जाए और छटनी पर रोक लगाई जाए.
- शासकीय सेवाओं में आउटसोर्सिंग ठेका प्रथा को पूर्णता समाप्त कर कर्मचारियों का समायोजन किया जाए .
- अंशकालिक कर्मचारियों को पूर्णकालिक किया जाए.