रायपुर: विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन की शुरूआत मानव तस्करी के मुद्दे पर चर्चा के साथ हुई. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू से मानव तस्करी की परिभाषा पूछ ली. गृह मंत्री कुछ देर खामोश रहे और कागजों में उलझे रहे. साहू ने मानव तस्करी से जुड़े कानूनों का हवाला देकर अपनी बात रखी. लेकिन पूर्व सीएम उनके जवाब से संतुष्ट नजर नहीं आए. इसी बीच पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि अगर सरकार तैयार नहीं है तो आधे घंटे का समय इस विषय पर चर्चा के लिए तय किया जाए.
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने सदन में संयुक्त राष्ट्र की परिभाषा सुनाई. उन्होंने गृह मंत्री से कहा कि आप आगे की कार्रवाई क्या बता पाएंगे जब परिभाषा ही नहीं बता पाए. रमन सिंह ने मानव तस्करी का मामला उठाते हुए इसके रोकथाम के लिए की जा रही कार्रवाई की जानकारी मांगी. उन्होंने पूछा कि इसको लेकर स्टेट कमेटी ने क्या-क्या निर्णय लिया. क्या इसके लिए किसी अधिकारी की नियुक्ति की गई. रमन सिंह इस दौरान गुस्से में नजर आए. उन्होंने गृहमंत्री पर गलत जानकारी देने का आरोप भी लगाया.
कवर्धा और डोंगरगढ़ का मामला रमन सिंह ने उठाया
गृहमंत्री ने कहा कि इसके लिए DIG स्तर के अधिकारी की नियुक्ति की गई है. पूर्व सीएम इस जवाब से भी खुश नहीं दिखे. रमन सिंह ने कहा कि पूरे प्रदेश में लड़कियों की तस्करी की जा रही है. उन्होंने कवर्धा की लड़की की तस्करी का मामला उठाया. गृहमंत्री ने इसकी पूरी जानकारी देने की बात कही.
गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने दिया जवाब
रमन सिंह ने डोंगरगढ़ का मामला भी उठाया. उन्होंने यह भी पूछा कि तस्करी के नेटवर्क को तोड़ने के क्या किया जा रहा है और डोंगरगढ़ मामले में क्या एक्शन लिया गया. जिसके बाद गृह मंत्री ने डोंगरगढ़ के मामले में अबतक की गई कार्रवाई की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस मामले में 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. सिर्फ एक आरोपी की गिरफ्तारी बाकी है.
क्या है मानव तस्करी की परिभाषा?