बुलडोजर एक्शन पर छत्तीसगढ़ हॉकर्स फेडरेशन ने जताई चिंता, प्रशासन पर नियम विरुद्ध काम करने का लगाया आरोप
Chhattisgarh Hawkers Federation छत्तीसगढ़ में सत्ता बदलते ही पूरे प्रदेश में अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलने लगे हैं.जिसे लेकर छत्तीसगढ़ हॉकर्स फेडरेशन ने चिंता जताई है.bulldozer action in Raipur
बुलडोजर एक्शन पर छत्तीसगढ़ हॉकर्स फेडरेशन ने जताई चिंता
बुलडोजर एक्शन पर छत्तीसगढ़ हॉकर्स फेडरेशन ने जताई चिंता
रायपुर :राजधानी सहित प्रदेश में अवैध चौपाटी और अतिक्रमण के खिलाफ हो रही कार्रवाई को लेकर छत्तीसगढ़ हॉकर्स फेडरेशन ने चिंता जाहिर की है. छत्तीसगढ़ हाकर्स फेडरेशन के संयोजक ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 3 दिसंबर को विधानसभा चुनाव परिणाम की घोषणा होते ही 4 दिसंबर से रायपुर सहित प्रदेश के कई शहरों में अतिक्रमण हटाया जा रहा है. इसके साथ ही अवैध चौपाटी को हटाने का काम किया जा रहा है. अवैध चौपाटी और शहर के अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रशासन के निर्देश पर पुलिस और निगम अमला बुलडोजर के साथ कार्रवाई कर रहा है. जो गरीबों के साथ अन्याय है.
नियमों के विरूद्ध हो रही है कार्रवाई :छत्तीसगढ़ हॉकर्स फेडरेशन नेनियमों के विपरीत जाकर इस तरह की कार्यवाई को गलत बताया. जिसे लेकर छ्त्तीसगढ़ हॉकर्स फेडरेशन ने नई सरकार से बात करने के साथ सड़क पर लड़ाई लड़ने की बात कही है.इस दौरान छत्तीसगढ़ के पूर्व वित्त आयोग के अध्यक्ष वीरेंद्र पांडेय भी मौजूद थे.
छत्तीसगढ़ हॉकर्स फेडरेशन के संयोजक गौतम बंदोपाध्याय ने अतिक्रमण के साथ चौपाटी हटाने की कार्रवाई को गलत बताया है. गौतम की माने तो स्ट्रीट वेंडर्स को बुलडोजर से हटाया जा रहा है. जिससे स्ट्रीट वेंडर्स में खौफ और भय पैदा हो रहा है.ये पथ विक्रेता कानून 2014 का उल्लंघन है. सुप्रीम कोर्ट के स्ट्रीट वेंडर्स के लिए बनाए गए नियम का भी उल्लंघन हो रहा है.
'' मौजूदा समय में यातायात व्यवस्था बाधित होने के साथ ही शहर को सुंदर बनाने की दिशा में पहल हो रही है. जिसका हम स्वागत करते हैं. लेकिन सड़क किनारे या फुटपाथ पर बैठने वाले गरीबों को पहले रोजी-रोटी चलाने के लिए नई जगह उपलब्ध कराई जानी चाहिए.''गौतम बंदोपाध्याय, संयोजक छत्तीसगढ़ हॉकर्स फेडरेशन
समस्या के समाधान के लिए लड़ी जाएगी लड़ाई :एक सरकार चली गई और दूसरी सरकार आ गई. अभी सरकार का गठन भी नहीं हुआ है .ना ही कोई मंत्री बना है. ऐसे में प्रशासन को मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर कार्यवाई करनी चाहिए. जिससे शहर के स्ट्रीट वेंडर्स को समस्याओं का सामना न करना पड़े. प्रदेश के दूसरे शहरों में लगभग 2.5% स्ट्रीट वेंडर्स की जनसंख्या है. गरीब और निम्न वर्ग की रोजी-रोटी सड़क किनारे या फुटपाथ पर दुकान लगाने से चलती है. इस समस्या के समाधान के लिए नई सरकार में जो मंत्री बनेंगे उनसे बात करने के साथ ही कोर्ट की लड़ाई भी लड़ी जाएगी. पहले विधानसभा सत्र में ही सड़क पर बैठकर हम इस लड़ाई को लड़ने की तैयारी में हैं.