रायपुर: राजधानी रायपुर के माना इलाके में एक दिव्यांग 20 वर्षों से गुपचुप बेचकर परिवार का पालन करता था. दिव्यांग रामसेवक साकवार पानीपुरी का ठेला लेकर लगभग 8 किलोमीटर क्षेत्र में बेचा करता था. दिव्यांग की छत्तीसगढ़ सरकार और नगर निगम ने मदद की है. ईमानदारी से कड़ी मेहनत कर परिवार पालने को लेकर निगम ने ई-रिक्शा दिया है.
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छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष कुलदीप सिंह जुनेजा, छत्तीसगढ़ अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह छाबड़ा, रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर ने दिव्यांग रामसेवक साकवार को व्यवसाय के लिए सहायता की है. दिव्यांग को 5000 रुपये की नकद आर्थिक सहायता और एक ई रिक्शा दिया है. ई रिक्शा के माध्यम से वह अपना परिवार चला सकेगा.
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परिवार की जिम्मेदारी
रामसेवक के मुताबिक उनकी पत्नी की मौत हो चुकी है. उसकी एक 13 साल की बेटी है. पत्नी की मौत के बाद बड़े भाई की भी मौत हो गई. परिवार की जिम्मेदारी रामसेवक के कंधों पर आ गई. इस वजह से वह जालौन से रायपुर पहुंच गया. रायपुर में चाचा के घर रहकर व्यवसाय शुरू किया.
कुलदीप सिंह जुनेजा और एजाज ढेबर 20 साल से बेच रहा गुपचुप
रामसेवक ने बताया कि पिछले 20 वर्षों से साइकिल पर घूम-घूम कर गुपचुप बेचकर अपनी रोजी-रोटी चला रहा है. उनकी सुध किसी ने अब तक नहीं ली. पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री ने उनकी मदद की है. ई-रिक्शा मिलने के बाद रामसेवक ने सरकार को धन्यवाद किया. ई-रिक्शा से राम सेवक पैकरा की अब जिंदगी की गाड़ी अच्छे से दौड़ेगी.