छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

निलंबित IPS जीपी सिंह की याचिका के बाद राज्य सरकार ने दाखिल की कैविएट, पूरा अपेडट पढ़ें - छत्तीसगढ़ सरकार ने लगाई कैविएट

निलंबित IPS जीपी सिंह के प्रकरण में छत्तीसगढ़ सरकार ने हाईकोर्ट में कैविएट (caveat ) फाइल की है. सरकार ने कहा है कि उनका पक्ष सुने बिना मामले में कोई फैसला ना सुनाया जाए. राजद्रोह का केस दर्ज होने के बाद जीपी सिंह हाईकोर्ट की शरण में गए थे और पूरे मामले में CBI जांच की मांग की थी.

chhattisgarh-government-files-caveat-in-gp-singh-case-in-bilaspur-high-court
निलंबित IPS जीपी सिंह

By

Published : Jul 10, 2021, 12:25 PM IST

Updated : Jul 10, 2021, 1:48 PM IST

रायपुर: निलंबित IPS जीपी सिंह मामले में राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय में कैविएट (caveat ) दाखिल की है. राज्य सरकार ने कहा है कि इस मसले पर दायर याचिका में सीधे कोई फैसला या संरक्षण देने से पहले सरकार का पक्ष सुना जाए. राजद्रोह का केस (Sedition case ) दर्ज होने के बाद निलंबित अधिकारी हाईकोर्ट की शरण में गए थे और याचिका दायर की थी.

करप्शन के चार्च में घिरे निलंबित IPS जीपी सिंह पर राजद्रोह का केस दर्ज किया गया है. ACB के पूर्व जीपी सिंह के ठिकानों पर छापेमारी में ऐसी चिठ्ठियां मिली हैं, जिसमें सरकार के खिलाफ साजिश का खुलासा हुआ है. चिठ्ठियों में किस तरह की साजिश रची गई थी, फिलहाल इसका खुलासा नहीं किया गया है. लेकिन यह जरूर बताया गया है कि निलंबित IPS सरकार के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे थे. जिसकी वजह से उन उन पर राजद्रोह का प्रकरण दर्ज किया गया है. छत्तीसगढ़ में पहली बार किसी सीनियर IPS के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है.

हाईकोर्ट में जीपी सिंह ने लगाई याचिका, सरकार पर लगाए आरोप

राजद्रोह का मुकदमा दर्ज होने के बाद निलंबित आईपीएस जीपी सिंह हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे हैं. जीपी सिंह ने उच्च न्यायालय में याचिका लगाकर सीबीआई जांच की मांग की है. आईपीएस ने अपने खिलाफ हुई कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण बताया है. उनके वकील किशोर भादुड़ी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

HC की शरण में पहुंचे IPS जीपी सिंह, CBI जांच की मांग, सरकार पर लगाए आरोप

सीएम ने क्या कहा ?

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा शुक्रवार को कहा था कि ACB और EOW ने अपनी जानकारी के मुताबिक कार्रवाई की है. जो दस्तावेज जीपी सिंह के पास मिले और जिन कार्यों में वे संलिप्त रहे, उसके हिसाब से धाराएं लगी हैं.

जीपी सिंह के खिलाफ आर्थिक अपराध ब्यूरो के कार्यकाल के दौरान डरा-धमकाकर अवैध वसूली के जरिए आय से अधिक संपत्ति रखने की शिकायत मिल रही थी. जिसके आधार पर जांच शुरू की गई. 5 करोड़ से ज्यादा के अवैध लेनदेन का खुलासा हुआ है. IPS जीपी सिंह के घर सहित 10 ठिकानों पर ACB और EOW ने दबिश दी थी. प्राथमिक जांच में सामने आए प्रमाणित तथ्यों के आधार पर जीपी सिंह पर FIR दर्ज की गई है. रायपुर, भिलाई, राजनांदगांव और ओडिशा राज्य में बेनामी संपत्तियां अर्जित करने की पुष्टि हुई है. उन्होंने कई बड़े लेन-देन किए हैं. शेल कंपनियों में निवेश करके मनी लॉन्ड्रिंग का प्रयास भी किया है.

IPS जीपी सिंह के खिलाफ दस्तावेजों के आधार पर राजद्रोह का केस: सीएम बघेल

क्या होती है कैविएट ?

कैविएट का मतलब है ऐसी याचिका जिसमें याचिकाकर्ता का पक्ष सुने बिना अदालत अपना फैसला नहीं दे सकती है. कैविएट सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में दाखिल की जाती हैं. कैविएट उस परिस्थिति में दाखिल किया जाता है, जब याचिकाकर्ता को ऐसा पूर्वानुमान हो कि दूसरा पक्ष उसकी याचिका को चुनौती दे सकता है या फिर उसे अदालत से खारिज करवा सकता है.

1994 बैच के IPS हैं जीपी सिंह

गुरजिंदर पाल सिंह 1994 बैच के IPS हैं. प्रदेश के अलग-अलग जिलों में SP भी रह चुके हैं. इसके अलावा बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर जिले के IGP भी रह चुके हैं. जीपी सिंह EOW और एंटी करप्शन ब्यूरो के मुखिया भी रह चुके हैं. सरकार ने उन्हें ACB से हटाकर पुलिस अकादमी में पदस्थ किया था.

IPS जीपी सिंह का नाता पहले भी विवादों से जुड़ा रहा है. जीपी सिंह साल 2019 में खुद एसीबी के चीफ थे. उन्हें भूपेश सरकार ने 1 साल पहले वहां से हटाकर पुलिस अकादमी भेज दिया था. इसके पहले वे रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग रेंज के आईजी भी रह चुके हैं.

Last Updated : Jul 10, 2021, 1:48 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details