रायपुर :छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले कर्मचारी संगठनों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. चुनाव से पहले कई कर्मचारी संगठन हड़ताल का सहारा लेने वाले हैं. प्रदेश भर के लाखों शासकीय कर्मचारियों ने 7 जुलाई से हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है. 7 जुलाई के दिन कर्मचारी संगठन सांकेतिक प्रदर्शन करेगा.यदि इस प्रदर्शन से सरकार नहीं मानी तो आगामी एक अगस्त को सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. साढ़े चार लाख से ज्यादा शासकीय कर्मचारियों के एक साथ हड़ताल पर चले जाने का ऐलान किया है.
हड़ताल में जाने से कई काम होंगे प्रभावित :छत्तीसगढ़ में चुनावी साल है.लिहाजा सरकार ने कई महत्वकांक्षी योजनाओं का ऐलान किया है.जिसे पूरा करने का जिम्मा विभागों के कर्मचारियों के जिम्मे हैं.ऐसे में आचार संहिता लगने से पहले कर्मचारी हड़ताल पर गए तो ना सिर्फ काम प्रभावित होगा बल्कि योजना के लाभ से लाखों लोग वंचित रह जाएंगे. कर्मचारियों के हड़ताल को बीजेपी ने समर्थन दिया है.सरकार से बीजेपी ने मांगों को जल्द पूरा करने को कहा है.आपको बता दें कि डीए, एचआरए सहित कई मांगों को लेकर शासकीय कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं .यही वजह है कि कर्मचारियों का यह आक्रोश आने वाले दिनों में कांग्रेस शासन के लिए मुसीबत पैदा कर सकता है.
क्या है कर्मचारी संगठनों की मांग :छत्तीसगढ़ के कर्मचारी डीए, एचआरए सहित अपनी कई मांगों के लेकर पहले भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं.लेकिन सरकार ने आश्वासन के बाद सभी को शांत करवा दिया था.लेकिन चुनाव से पहले मांगें पूरी होते नहीं देख कर्मचारी संगठनों ने एक बार फिर आंदोलन का सहारा लेने का मन बनाया है. कर्मचारी संगठनों के मुताबिक पड़ोसी राज्य में केंद्र सरकार के बराबर राज्य सरकार के कर्मचारियों को डीए दिया जा रहा है. लेकिन छत्तीसगढ़ में बार-बार आंदोलन करने के बाद भी अब तक डीए नहीं बढ़ाया गया है.
''कांग्रेस सरकार से ना सिर्फ कर्मचारी वर्ग बल्कि सभी वर्ग नाराज है. क्योंकि जो वादे कांग्रेस ने कर सत्ता पर काबिज हुई थी.उन बातों को अब तक पूरा नहीं किया गया है. कर्मचारियों में इसे लेकर काफी आक्रोश है.पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र सरकार के बराबर डीए दिया है. जो बताता है कि सरकार जो कहती है. वह करती है, लेकिन कांग्रेस सरकार कहती कुछ और करती कुछ और है. इस कर्मचारियों का खामियाजा कहीं ना कहीं कांग्रेस सरकार को आगामी विधानसभा चुनाव में उठाना पड़ेगा. ''
नलनीश ठोकने, प्रवक्ता,बीजेपी