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छत्तीसगढ़ सरकार ने विधायक निधि के खर्च पर लगाई रोक, बीजेपी ने जताई आपत्ति - कोरोना टीकाकरण

छत्तीसगढ़ सरकार ने विधायक निधि के खर्च पर रोक लगा दी है. इस मद में जमा 182 करोड़ रुपये को 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण पर खर्च करने का फैसला लिया गया है. जिसपर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस आदेश पर आपत्ति जताई है.

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छत्तीसगढ़ सरकार ने विधायक निधि के खर्च पर लगाई रोक

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Published : Apr 27, 2021, 6:45 PM IST

Updated : Apr 27, 2021, 7:33 PM IST

रायपुर:छत्तीसगढ़ में कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. राज्य सरकार ने विधायक निधि के खर्च पर रोक लगा दी है. इस पैसे का उपयोग राज्य में टीकाकरण के लिए किया जाएगा. इस संबंध में सरकार की तरफ से आदेश भी जारी कर दिया गया है. इसे लेकर छत्तीसगढ़ में अब राजनीतिक बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने इस फैसले का विरोध किया है.

विधायक निधि के खर्च पर रोक

छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से जारी नोटिस में कहा गया है कि साल 2021-22 के विधायक निधि का 182 करोड़ मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किया जाएगा. सरकार ने तर्क दिया है कि इसका इस्तेमाल टीकाकरण में किया जाएगा. 2 दिन पहले ही कांग्रेस विधायक दल ने अपनी साल 2021-22 की विधायक निधि कोरोना टीकाकरण में खर्च के लिए दी सहमति दी थी. अब सरकार ने इसका हवाला देकर आदेश जारी कर दिया है.

बीजेपी ने इस फैसले का किया विरोध

राज्य सरकार की योजना और सांख्यिकी विभाग ने सभी विधायकों के क्षेत्र विकास निधि (विधायक निधि) की पूरी राशि को मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा करने का आदेश जारी किया है. भारतीय जनता पार्टी ने इसका विरोध कर दिया है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर पूछा है कि यदि पूरी राशि ले ली जाएगी तो उन कामों का क्या होगा, जिन्हें विधायकों ने पिछले दिनों इसी राशि से मंजूर करा दिया है. प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्र से 2 करोड़ रुपये की राशि जमा करने का आदेश जारी किया है. इस मद में जमा 182 करोड़ रुपये को 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण पर खर्च किया जाएगा. आदेश की प्रतियां विधायकों को भेजी गई हैं.

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'बिना सहमति आदेश जारी'

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस आदेश पर आपत्ति जताई है. धरमलाल कौशिक ने कहा है कि कोरोना महामारी की रोकथाम और मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने का काम विधायक निधि से ही स्वीकृत किया गया है. पहले ही इन कार्यों की अनुशंसा कलेक्टर्स को भेजी जा चुकी है. अब पूरी राशि ही सहायता कोष में चली जाएगी तो जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रस्तावित काम का क्या होगा ? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा विधायकों को विश्वास में लिए बिना विधायक निधि की पूरी राशि को मुख्यमंत्री सहायता कोष में लेने का फैसला कर लिया है, यह उचित नहीं है. इस आदेश में संशोधन होना चाहिए.

Last Updated : Apr 27, 2021, 7:33 PM IST

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