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छत्तीसगढ़ी नृत्य ने बांधा समां, अखाड़े के पहलवानों ने दर्शकों को किया रोमांचित - raipur news

छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों और लोक नृत्य, लोक गायकों ने हरेली के मौके पर रंगारंग कार्यक्रम में प्रस्तुति दी. लोक नर्तक दलों ने गेड़ी, करमा, सुआ, राउत नाचा, पंथी नृत्य और गौरा- गौरी नृत्य प्रस्तुत किया.

छत्तीसगढ़ी नृत्य ने बांधा समां, अखाड़े के पहलवानों ने दर्शकों को किया रोमांचित

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Published : Aug 1, 2019, 6:09 PM IST

Updated : Aug 1, 2019, 7:05 PM IST

रायपुर: प्रदेशभर में गुरुवार को हरेली तिहार धूमधाम से मनाया गया. इस मौके पर संस्कृति विभाग के भवन में रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें कलाकारों ने छत्तीसगढ़ी वेशभूषा पहन कर प्रस्तुति दी.

छत्तीसगढ़ी नृत्य ने बांधा समां, अखाड़े के पहलवानों ने दर्शकों को किया रोमांचित
इस दौरान छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों और लोक नृत्य, लोक गायकों ने रंगारंग प्रस्तुति दी. पारंपरिक वेशभूषा में वाद्य यंत्रों और साज-सज्जा में सुमधुर गीतों के साथ झांझर, मांदर और गुंबद बाजा के साथ हरेली गीत भी गाए गए. लोक नर्तक दलों ने गेड़ी, करमा, सुआ, राउत नाचा, पंथी नृत्य और गौरा-गौरी नृत्य प्रस्तुत किया. इस बीच मंच पर पहलवानों ने एक से बढ़कर एक करतब दिखाकर लोगों को रोमांचित किया.

कलाकार खुद हुए कार्यक्रम में शामिल
कांग्रेस संस्कृति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप षडंगी ने बताया कि हरेली के अवसर पर विभिन्न प्रकार के छत्तीसगढ़ी पारंपरिक नृत्य का प्रदर्शन किया जा रहा है. दिलीप ने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है कि जब छत्तीसगढ़ के बड़े-बड़े कलाकारों ने खुद से कार्यक्रम में सम्मलित होने की इच्छा जताई है.

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शहरों में भी हुआ आयोजन
संस्कृति विभाग के आयुक्त अनिल कुमार साहू ने बताया कि अब तक छत्तीसगढ़ के पारंपरिक नृत्य का गीत ग्रामीण क्षेत्रों में ही हरेली के पर्व पर होते थे. लेकिन इस बार यह आयोजन शहरों में भी किया जा रहा है.

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'होते रहेंगे ऐसे आयोजन'
शहर के लोगों को भी छत्तीसगढ़ की संस्कृति के साथ ही पारंपरिक रीति-रिवाज से अवगत कराया जा रहा है. अनिल ने बताया कि 'आने वाले समय में इस तरह के और भी आयोजन किए जाएंगे. इससे शहरवासियों को भी छत्तीसगढ़ की संस्कृति से जोड़ा जा सके'.

Last Updated : Aug 1, 2019, 7:05 PM IST

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