रायपुरः छत्तीसगढ़ 'फिल्म इंडस्ट्री' भले ही आज संघर्ष की दौर से गुजर रही हो, लेकिन आप जान कर आश्चर्य करेंगे कि छत्तीसगढ़ में यह फिल्म इंडस्ट्री पिछले 50 सालों से ज्यादा वक्त से स्थापित है. यहां कई चर्चित, कई गुमनाम फिल्में बनीं, लेकिन सही मायने में छत्तीसगढ़ फिल्म इंडस्ट्री को सरकार का इतना सपोर्ट नहीं मिला, जितना कि वह हकदार है.
हजारों कलाकारों की रोजी-रोटी से जुड़े इस 'छालीवुड' का इस्तेमाल चुनाव के वक्त अपने प्रचार और सरकारी योजनाओं की गुण-गान के लिए सरकारें खूब करती हैं. ऐसे में छालीवुड के इतिहास और आज की पीढ़ी को इसके अब तक के सफर के बारे में बताना बहुत जरूरी हो गया था. इस बेहद जरूरी काम को राजधानी के ही अखिलेश शर्मा ने "हमर छालीवुड" के खुद के पुस्तक के माध्यम से अंजाम दिया है. इस किताब का नाम 'गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड' में दर्ज हुआ है. क्या है इस किताब में और कैसा रहा है 'छालीवुड' का पूरा इतिहास, जानने के लिए हमने इस महत्वपूर्ण पुस्तक के लेखक से बात की.
सवाल: किताब में 50 साल तक फिल्मों को किस तरह से संजोया?
जवाब: छत्तीसगढ़ी सिनेमा पर कोई भी किताब नहीं है और मैं चाह रहा था कि सिनेमा पर कोई किताब बने तो मेरा पहला लगता कि सबसे पहले फिल्मों का कलेक्शन कर पाऊं आखिर कितनी फिल्में बनी है फिर मुंबई जाकर के सेंसर सर्टिफिकेट अरेंज किया और करीब 131 फिल्मों के सेंसर सर्टिफिकेट मुझे मिले, जिससे उसकी रिलीजिंग डेट पता चले. उचित आपसे मैंने बुक पर उन चीजों का उल्लेख किया इसके साथ ही माने छत्तीसगढ़ के पूरे फिल्मों के पोस्टर को भी संजोया है, जिसमें छत्तीसगढ़ के 50 साल के हुई फिल्मों के पोस्टर हैं. उसी के बाद गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में मेरा नाम आया है.
सवाल: आपकी किताब में 36 गढ़ के पहले मुख्यमंत्री के साथ ही तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का जिक्र है, ये कौन सी फिल्म में काम किए हैं?
जवाब: मेरी किताब में एक कॉलम है. छत्तीसगढ़ सिनेमा में राजनीति, जिसमें लिखा है छत्तीसगढ़ सिनेमा में बहुत से ऐसे कलाकार हैं जो राजनीति में आए हैं. उनमें स्वयं दो मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ की सिनेमा में आए हैं. इसमें पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी जी "मोर सपनों के राजा" में दिखाई दिए हैं. वहीं, डॉ रमन सिंह "अजब जिंदगी गजब जिंदगी" में काम किए हैं. किताब में इनका जिक्र इसलिए किया गया, ताकि लोग जानें कि सिनेमा में स्वयं मुख्यमंत्री ने भी अपना किरदार निभाया है, इससे लोग सिनेमा को लेकर इंस्पायर हों. हमारे छोटे से छालीवुड में हमारी संस्कृति और कला संस्कृति बहुत ज्यादा बाहर आती है.
सवाल: अपनी सभी कलाकारों को किताब में जोड़ा है, इसे छालीवुड विकिपीडिया भी कह सकते हैं?
जवाब:यह बात तो सही है. इस किताब को जब लिखा था, तब मनु नायक जी ने कहा था कि छत्तीसगढ़ सिनेमा की यह गीता है. सतीश जैन ने कहा था कि यह छत्तीसगढ़ सिनेमा की विकिपीडिया है. वहीं पद्मश्री अनुज शर्मा ने कहा था कि मुझे अपनी फिल्मों के बारे में केवल जानकारी है लेकिन इस पुस्तक में सभी कलाकारों की जानकारी है. यहां तक की ड्रेस डिजाइनर, सह निर्देशक, बाल कलाकार, सह संपादक, संपादक, कोरियोग्राफर, निर्देशक, निर्माता सभी के नामों समेत उनके फिल्मों के नाम हैं, ताकि कोई यह ना कह सके कि हमारी फ़िल्म में कितने लोगों ने काम किया है और कितना बड़ा हमारा इंडस्ट्रीज है. हमारे यहां एक हजार से अधिक लोग काम कर रहे हैं.