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Impact Of Political Tours On Elections In CG: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों की यात्राओं का कितना होगा असर ?

Chhattisgarh Election 2023 छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले एक बार फिर यात्राओं को लेकर राजनीति शुरु हो गई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक साल पहले भारत जोड़ो यात्रा की थी.जिसकी वर्षगांठ कांग्रेस मना रही है.इसके लिए कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में पदयात्राएं निकाली. वहीं दूसरी तरफ बस्तर और सरगुजा से बीजेपी परिवर्तन यात्रा शुरु करने वाली है.इन यात्राओं का प्रदेश की राजनीति में क्या असर होगा, आईए जानते हैं.

Chhattisgarh Election 2023
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में यात्राओं का कितना होगा असर

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 7, 2023, 10:50 PM IST

Updated : Sep 7, 2023, 11:47 PM IST

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में यात्राओं का कितना होगा असर

रायपुर : छत्तीसगढ़ में चुनाव से कुछ महीने पहले एक बार फिर यात्राओं का दौर शुरु हुआ है. बीजेपी ने हाल में दो जगहों से परिवर्तन यात्राएं निकालने का ऐलान किया है.ये दोनों यात्राएं दो अलग-अलग जगहों से शुरु होंगी.लेकिन समापन एक ही जगह पर होगा.वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का असर अब भी प्रदेश में देखा जा रहा है.लिहाजा कांग्रेस भी आने वाले दिनों में मतदाताओं तक पहुंचने के लिए यात्रा का सहारा ले सकती है. ऐसे में जानना जरुरी है कि यात्राओं का राजनीति पर कितना असर पड़ता है.

राहुल की भारत जोड़ो यात्रा के एक साल हुए पूरे : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोगों से कनेक्ट होने के लिए भारत छोड़ो यात्रा की थी.इस यात्रा को एक साल पूरे हो चुके हैं.लेकिन आज भी इस यात्रा को लेकर लोगों के बीच चर्चाएं हैं. ये यात्रा जिन जगहों से गुजरी वहां एक साल बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने वर्षगांठ मनाया.रायपुर में भी इस यात्रा को लेकर वर्षगांठ कार्यक्रम का आयोजन हुआ.जिसमें पीसीसी चीफ दीपक बैज, पूर्व पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने कार्यकर्ताओं के साथ पदयात्रा निकाली.कांग्रेस के मुताबिक राहुल गांधी की यात्रा ने लोगों की बीच प्रेम और भाईचारे को बढ़ाया है.

भारत जोड़ो यात्रा नहीं हुई है खत्म :रायपुर में भारत जोड़ो यात्रा को लेकर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि ये यात्रा खत्म नहीं हुई है.जहां भी नफरत दिखती है वहां भारत जोड़ो यात्रा दिखाई देती है. चाहे मणिपुर हो, आजादपुर सब्जी मंडी हो या लद्दाख ये यात्रा हर जगह देखी जा रही है.दीपक बैज की माने तो विदेश की यूनिवर्सिटी भारत जोड़ो यात्रा पर पीएचडी करने वाली है. कांग्रेस वचन देती है कि भारत जोड़ो यात्रा के आदर्श, प्रेरणा और उद्देश्य निरंतरता जारी रहेंगे.

"भारत जोड़ो यात्रा एक तीर्थयात्रा थी और तीर्थयात्रा कभी खत्म नहीं होती। यह हर यात्रा की शुरुआत है. भारत जोड़ो यात्रा का इतिहास स्याही से नहीं लिखा जा सकता. इसे पसीने से लिखा गया है": दीपक बैज, पीसीसी चीफ

भारत जोड़ो यात्रा पर बीजेपी ने किया कटाक्ष :एक तरफ राहुल गांधी की यात्रा पर कांग्रेस के मुताबिक पीएचडी होनी वाली है.लेकिन दूसरी तरफ इस यात्रा पर बीजेपी सवाल उठा रही है.

''राहुल गांधी ने अपनी यात्रा के दौरान छत्तीसगढ़ का दौरा नहीं किया.क्या वो छत्तीसगढ़ को भारत का अंग नहीं मानते. कांग्रेस के तीन राज्यसभा सांसद छत्तीसगढ़ के बाहर से हैं. वह भी इस यात्रा में शामिल हो रहे हैं'':रंजना साहू, बीजेपी प्रवक्ता

कांग्रेस के भारत जोड़ो के बदले बीजेपी की परिवर्तन यात्रा :राहुल गांधी ने जहां भारत जोड़ो यात्रा निकालकर देश में मोहब्बत बांटने का संदेश दिया.वहीं दूसरी तरफ बीजेपी चुनाव से पहले कई राज्यों में परिवर्तन यात्रा निकाल रही है.इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ में भी 12 सितंबर को दंतेवाड़ा दंतेश्वरी मंदिर और 16 सितंबर को जशपुर की माता खुड़िया रानी मंदिर से यात्रा निकालेगी. दंतेवाड़ा की यात्रा का शुभारंभ अमित शाह तो जशपुर से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा यात्रा का शुभारंभ करेंगे.

बीजेपी की परिवर्तन यात्रा पर कांग्रेस का हमला :कांग्रेस ने बीजेपी की परिवर्तन यात्रा को लेकर भारत जोड़ो यात्रा से अलग बताया है. कांग्रेस की माने तो भारत जोड़ो यात्रा महंगाई से पीड़ित जनता की आवाज थी. बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार मांगा गया था. किसानों की आवाज उठाई गई थी. भारत जोड़ो यात्रा देश की जनता की आवाज बनी थी.भारत जोड़ो यात्रा का ही परिणाम था कि केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस लिया था.जबकि बीजेपी की यात्रा का मकसद राजनीतिक लाभ लेना है.


'' बीजेपी की परिवर्तन यात्रा का मूल मकसद उनकी पार्टी को राजनीतिक तौर पर लाभ दिलाना है. छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार कर्ज माफी ,बिजली बिल हाफ, युवाओं को रोजगार, धान का समर्थन मूल्य 2500 और 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीद रही है. इसी के खिलाफ भाजपा परिवर्तन यात्रा निकाल रही है.ताकि ये सारे लाभ जनता को ना मिले.'' धनंजय सिंह ठाकुर, प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस

क्या है राजनीति में यात्राओं के मायने ? :राजनीति के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध दुबे के मुताबिक इन सारी यात्राओं के चुनावी मायने होते हैं. राजनीतिक पार्टियों को इन यात्राओं के जरिए अपने पक्ष में वातावरण बनाने में मदद मिलती है.लेकिन कई बार ऐसा नहीं होता है. 2013 में कांग्रेस ने परिवर्तन यात्रा निकाली थी.तब झीरम हमले में कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व शहीद हुआ था.यदि उस वक्त ईमानदारी से शहादत की चर्चा चुनावी रैलियों में होती तो यकीनन कांग्रेस के लिए सत्ता के दरवाजे खुलते.लेकिन ऐसा नहीं हो सका.

बीजेपी के लिए परिवर्तन यात्रा महत्वपूर्ण क्यों ? :अनिरुद्ध दुबे की माने तो भाजपा की परिवर्तन यात्रा काफी अहम है. साल 2003 में भाजपा विपक्ष में थी. उस दौरान भी परिवर्तन यात्रा निकाली गई थी. अब भी परिवर्तन यात्रा निकाली जा रही.ये दोनों यात्राएं उन जगहों से निकाली जा रही है.जहां से बीजेपी का सूपड़ा साफ है. बस्तर की 12 और सरगुजा की 14 सीटों को टारगेट किया गया है.ये दोनों ही संभाग आदिवासी बाहुल्य हैं.इसलिए ऐसा माना जा सकता है कि आदिवासी सीटों को ध्यान में रखकर यात्रा निकाली जा रही है. वहीं यात्रा के समापन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे. इसलिए राजनीतिक हलचल भी तेज होगी.

भारत जोड़ो यात्रा का कितना हुआ असर :राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर अनिरुद्ध दुबे ने कहा कि कहीं ना कहीं इससे हलचल पैदा जरूर हुई है. जो लोग राहुल गांधी की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते थे. ऐसे में राहुल गांधी ने भारत छोड़ो यात्रा कर संकेत देने की कोशिश की वह जमीन स्तर पर भी सक्रिय रहते हैं. वो केवल एसी कमरों में बैठकर राजनीति नहीं करते. भारत जोड़ो यात्रा का छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में लाभ को लेकर अनिरुद्ध दुबे ने कहा कि आज की जिंदगी काफी भगदड़ वाली है. काफी तेज गति से आगे बढ़ती है. ऐसे में तात्कालिक चीजों का असर देखने को मिलता है. लेकिन जो चीज हफ्ते महीने पहले हो चुकी रहती है. उसका लाभ अभी मिले यह क्या पहना मुश्किल है.

'' ऐसे में यह कहा जा सकता है भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस ओर राहुल गांधी जरूर मजबूत हुए हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में यात्रा से कांग्रेस मजबूत होगी यह आकलन कर पाना मुश्किल है.'' अनिरुद्ध दुबे, वरिष्ठ पत्रकार

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कुल मिलाकर ये बात साफ है कि कहीं ना कहीं यात्राएं राजनीतिक दल अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए करते हैं. यात्राओं के जरिए पार्टियां अपने वोटर्स के नजदीक तक पहुंचते हैं. साथ ही साथ क्षेत्रों का दौरा करने पर ये आंकलन करना आसान हो जाता है कि, मौजूदा क्षेत्र की जनता का पार्टी के प्रति क्या सोच है. छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले यात्राओं से एक बार फिर जनता रूबरू होने जा रही है. लेकिन इन यात्राओं का असर जनता पर कितना होगा,ये कह पाना थोड़ा मुश्किल है.

Last Updated : Sep 7, 2023, 11:47 PM IST

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