छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

Dog Squad छत्तीसगढ़ डॉग स्क्वाड में बेल्जियम शेफर्ड को मिलेगी ट्रेनिंग, लैब्राडोर के जगह होगी इनकी तैनाती

छत्तीसगढ़ डॉग स्क्वाड में बेल्जियम शेफर्ड को ट्रेनिंग दी जा रही है. लैब्राडोर के जगह इनको तैनात किया जाएगा. बेल्जियम शेफर्ड लैब्रा डोर के मुकाबले अधिक ताकतवर, गुस्सैल और आक्रामक होते हैं. यही कारण है कि विभाग ने इनके तैनाती के लिए इन्हें ट्रेनिंग देने की योजना बनायी है.

Dog Squad
डॉग स्क्वाड

By

Published : Mar 27, 2023, 3:34 PM IST

बेल्जियम शेफर्ड को मिलेगी ट्रेनिंग

रायपुर:छत्तीसगढ़ पुलिस के डॉग स्क्वॉड में जल्द ही उम्रदराज खोजी कुत्तों की विदाई होने वाली है. उनकी जगह अब नए बेल्जियम शेफर्ड नस्ल के खोजी कुत्तों को को रखा जाएगा. इस बार पुलिस विभाग ने भारी-भरकम लैब्राडोर की जगह बेल्जियम शेफर्ड नस्ल के कुत्तों को तैनात करने फैसला लिया है. इसके लिए विभाग ने 7 कुत्तों को ट्रेनिंग देने की तैयारी की है. ट्रेनिंग के बाद उनकी तैनाती जिलों में कर दी जायेगी.

बेल्जियम अधिक फुर्तीला:डॉग ट्रेनिंग सेंटर भिलाई में ब्रिडिंग के बाद बेल्जियम शेफर्ड के 7 बच्चे जन्मे हैं. अब इन्हें विभाग में तैनात करने के लिए ट्रेंड करने का फैसला लिया गया है. डॉग सेंटर के ट्रेनरों का मानना है कि लैब्रा डोर की जगह बेल्जियम शेफर्ड नस्ल के खोजी कुत्ते बहुत ज्यादा फायदेमंद हैं. बेल्जियम शेफर्ड बहुत ज्यादा फुर्तीला होने के साथ आक्रमक भी होता हैं. यही कारण है कि पुलिस विभाग में लेब्रा डोर की जगह इन कुत्तों की प्राथमिकता तय कर दी गई है.

7 बच्चों का हुआ है जन्म:डॉग सेंटर से मिली जानकारी के मुताबिक 2021 में लगभग 20 बेल्जियम शेफर्ड नस्ल के कुत्तों को ट्रेनिंग होने के बाद उन्हें अलग-अलग जिलों में तैनात कर दिया गया. ब्रीडिंग के बाद अब 7 नए बच्चों को भी तैयार कर उनके लिए स्थान फिक्स कर दिया जाएगा. विभागीय सूत्रों की मानें तो ब्रीडिंग कराने के बाद इस महीने की 4 तारीख को ही 7 बेल्जियम शेफर्ड ने जन्म लिया है.

यह भी पढ़ें:Unemployment Allowance छत्तीसगढ़ बेरोजगारी भत्ते के लिए ऑनलाइन ऐसे करें आवेदन

क्या कहते हैं ट्रेनर: भिलाई ट्रेनिंग सेंटर की कामता चन्द्राकर कहती हैं कि लैब्राडोर की जगह बेल्जियम शेफर्ड को प्राथमिकता दिया जा रहा है. यह बेहद आक्रामक और फुर्तीला होता हैं. अभी ब्रीडिंग के बाद 7 नए बच्चों ने जन्म लिया है. इन्हें ट्रेनिंग देकर जिलों में पोस्टिंग की जाएगी.

इसलिए बेल्जियम की डिमांड ज्यादा:

  • लैब्रा डोर भारी होता है, इसलिए ज्यादा दौड़ने पर इनको थकान हो जाती है, जबकि बेल्जियम हल्के और लेब्रा की तुलना में ज्यादा फुर्तीला होता है.
  • बेल्जियम शेफर्ड जंगल और पहाड़ी क्षेत्रों में लैब्राडोर की तुलना में सबसे तेज दौड़ लगाते हैं.
  • उम्र बढ़ने के साथ लैब्राडोर की कार्यक्षमता में प्रभाव पड़ता है. जबकि बेल्जियम उम्र बढ़ने के बाद भी ट्रैकिंग में माहिर होता है.
  • लैब्राडोर की जगह बेल्जियम शेफर्ड कुत्तों की सुनने की क्षमता सबसे तेज होते है, जो कि साक्ष्य जुटाने में बेहद उपयोगी होता है.
  • बेल्जियम शेफर्ड नस्ल की खोजी कुत्ते लैब्राडोर से कहीं ज्यादा गुस्सैल और आक्रामक हमले की क्षमता वाले होते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details