रायपुर:1 नवंबर यानी छत्तीसगढ़ का जन्मदिन. आज छत्तीसगढ़ 20 साल का हो गया है. आज ही के दिन 2000 को मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य अस्तित्व में आया था. छत्तीसगढ़ का पौराणिक मान्यता के कौशल राज्य नाम था. जिसे भगवान श्रीराम का ननिहाल भी कहा जाता है. बताते हैं, गोंड जनजाति के शासनकाल के दौरान करीब 300 साल पहले इसका नाम छत्तीसगढ़ रखा गया था.
36 किलों का गढ़ छत्तीसगढ़
इतिहासकारों के मुताबिक कल्चुरी राजाओं द्वारा 36 किले या कई गांवों को मिलाकर गढ़ बनाए गए थे. इस क्षेत्र को दक्षिण कोसल के तौर पर भी जाना जाता था. बताते हैं, राजाओं के समय में छत्तीसगढ़ की राजधानी बिलासपुर के पास स्थित एक शहर रतनपुर, कल्चुरी हुआ करती थी. हालांकि वर्तमान में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर है.
जल-जंगल और जमीन है पहचान
किले और गढ़ के अलावा छत्तीसगढ़ की और भी कई पहचान है. कहते हैं, जब जंगलों में धूप खिले...जब नदियां बहती जाएं...जब बैलों की पूजा हो...परंपराएं निभाई जाएं...तो समझ जाइएगा छत्तीसगढ़ है. जब धान की खुशबू की महक उठे...बिटिया तीज में मेंहदी लगाकर चहक उठे...सुआ नृत्य में झूमते-झूमते जब महानदी की लहर उठे....तो समझ जाइएगा छत्तीसगढ़ है. पोला-हरेली, चीला और फरा...बस्तर स्वर्ग सा सुंदर हरा-भरा...दंतेश्वरी के आशीष से जब दुख हरते जाएं...तो समझ जाइएगा छत्तीसगढ़ है. आदिवासियों की झोली में रीति और रिवाज हैं. खेतों से आती खुशहाली की आवाज है. तीजन बाई की पंडवानी में जब चारों दिशाएं बंधती जाएं...समझ जाइएगा छत्तीसगढ़ है.