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कदम-कदम पर मोदी सरकार का अड़ंगा, जनता के सहयोग से करेंगे चुनौतियों का सामना : CM Bhupesh Baghel - मोदी सरकार का अड़ंगा

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chhattisgarh Chief Minister Bhupesh Baghel) का 17 दिसंबर 2021 को अपने कार्यकाल का तीन साल पूरा हो जाएगा. उत्तर प्रदेश चुनाव का वरिष्ठ पर्यवेक्षक (Senior Observer UP Elections 2022) बनाए जाने के बाद से भूपेश बघेल ने यूपी के कई दौरे भी किये हैं. वे यूपी के नेता और कार्यकर्ता के साथ लगातार जीत के समीकरण तैयार कर रहे हैं. वहीं छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान खरीदी (Chhattisgarh Paddy procurement 2021) शुरू हो गई है.

CM Bhupesh Baghel accuses Modi government of obstructing
सीएम भूपेश बघेल ने मोदी सरकार पर लगाया अड़ंगा लगाने का आरोप

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Published : Dec 1, 2021, 6:12 PM IST

Updated : Dec 1, 2021, 7:50 PM IST

रायपुर :छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chhattisgarh Chief Minister Bhupesh Baghel) ने 17 दिसंबर 2018 को प्रदेश के मुखिया के रूप में शपथ ली थी. कुछ ही दिनों में वे अपने कार्यकाल का 3 साल पूरा कर लेंगे. आलाकमान ने बघेल को पहले असम चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी और अब उन्हें उत्तर प्रदेश चुनाव का वरिष्ठ पर्यवेक्षक (Senior Observer UP Elections 2022) बनाया है. छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान खरीदी का (Chhattisgarh Paddy procurement 2021) महापर्व भी शुरू हुआ है. इन्हीं विषयों पर ईटीवी भारत ने उनसे खास बातचीत की. आइये जानते हैं सीएम भूपेश बघेल ने क्या कहा...

सीएम भूपेश बघेल ने मोदी सरकार पर लगाया अड़ंगा लगाने का आरोप

सवाल:धान खरीदी का महापर्व आज से शुरू हो रहा है. आपने लक्ष्य बढ़ा दिया है. बारदाने की कमी बड़ी (shortage of gunny bags in chhattisgarh) चुनौती है. FCI के उसना चावल नहीं लेने की बात कही जा रही है. इन चुनौतियों से कैसे निपटेंगे?

जवाब:बारदाना उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी भारत सरकार की है. जूट कमिश्नर बारदाना उपलब्ध कराते हैं. हमने डिमांड दी थी, लेकिन वे पूर्ति नहीं कर पाए. पिछले साल भी कोरोना के कारण स्थिति निर्मित हुई थी. किसानों से बारदाना लेकर, व्यापारियों से बारदाना लेकर साथ ही पीडीएस चावल से खाली हुए बारदाने के जरिए 92 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा था. इस साल 1 करोड़ मीट्रिक टन धान से ऊपर तक जाने की उम्मीद है. यदि भारत सरकार बारदाना उपलब्ध नहीं कराती है तो हमारे पास बाध्यता है कि फिर से किसानों से, व्यापारियों से, राइस मिलर्स से, पीडीएस से सभी से मिलाकर पूर्ति करेंगे, धान खरीदी तो बंद नहीं कर सकते. हमारे किसान भाइयों ने पिछली बार भी परिस्थिति को समझते हुए सहयोग किया. यही वजह रही है कि हमने 92 लाख मीट्रिक टन रिकॉर्ड धान खरीदी हुई.

भारत सरकार ने पहली बार उसना चावल नहीं लेने का फैसला किया है. यदि यह फैसला पहले करते तो किसानों से हम उसना धान न बोने की अपील कर सकते थे. अब अचानक यह निर्णय हुआ है. यह कठिन चुनौती है. भारत सरकार कदम-कदम पर अड़ंगा लगा रही है. लेकिन छत्तीसगढ़ की जनता के सहयोग, समर्थन से चुनौती का सामना कर रहे हैं. हमें सफलता भी मिल रही है. उसना चावल के मामले में भी हम सफल होंगे, लेकिन अगले साल से किसान भाइयों से अपील करना होगा कि अरवा क्वालिटी के धान ज्यादा से ज्यादा लगाएं. उसना क्वालिटी को हतोत्साहित करना होगा.

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सवाल:क्या आपको लगता है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार (Chhattisgarh Congress government) है, इसलिए केंद्र की भाजपा सरकार की तरफ से असहयोग की भावना से सारी चीजें की जा रही है.

जवाब:यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है. कभी हम बोनस देने की बात करते हैं तो आप चावल नहीं खरीदेंगे. चावल खरीदते हैं तो कहते हैं कि उसना नहीं खरीदेंगे. यह अड़ंगेबाजी स्पष्ट दिखाई दे रही है.

सवाल:17 दिसंबर 2021 को आपके कार्यकाल के 3 साल पूरे हो जाएंगे. उपलब्धियां और चुनौतियां क्या हैं?

जवाब: यह किसानों का प्रदेश है. सबसे पहले हमने ऋणमाफी, 2500 रुपए प्रति क्विंटल में धान खरीदी, 9000 प्रति एकड़ के हिसाब से इनपुट सब्सिडी, लघु उपज की वृद्धि, 4000 प्रति बोरा तेंदुपत्ता, लघु उपज खरीदने की व्यवस्था का वैल्यू एडिशन, पहली बार कोदो-कुटकी, रागी का समर्थन मूल्य घोषित किया. खरीदी की व्यवस्था भी कर रहे हैं. हमने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त किया है. यही वजह है कि शहरों के बाजार में रौनक रही. दिवाली में भी खूब रौनक रही. सभी सेक्टर में ग्रोथ हुई. यह हमारी उपलब्धियां हैं. ग्लोबल वॉर्मिंग, पर्यावरण, कार्बन उत्सर्जन की दिशा में हमने काम किया है. नरवा योजना के माध्यम से वाटर रिचार्जिंग का काम लगातार कर रहे हैं. गौठान योजना के जरिए गोबर खरीदी, गौठान का निर्माण, पैरा न जलाने की अपील और उसे गौठान में लाने की व्यवस्था के जरिए हमने लोगों के सामने एक सॉल्यूशन रखा है कि कैसे कार्बन उत्सर्जन को रोका जा सकता है. छत्तीसगढ़ एक छोटा राज्य है, लेकिन एक उत्तर खोजने की कोशिश है. लोगों की आय बढ़ाने की कोशिश भी कर रहे हैं.

रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (Rural Industrial Park in Chhattisgarh) स्थापित करना एक बड़ी चुनौती है. जिसमें शहर के व्यापारियों को जिन सामानों की जरूरत पड़ती है, उसका उत्पादन गांव में हो. शहर हमारा विक्रय केंद्र हो और गांव उत्पादक केंद्र हो. प्रोडक्शन और ट्रेडिंग दोनों पर काम करना है. यह बड़ी चुनौती है. यह हम करते हैं तो बापू के ग्राम सुराज का सपना पूरा होगा. हिंदुस्तान का पुराना गौरव हासिल करने में एक सकारात्मक और मजबूत कदम होगा.

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सवाल:कोरोना के नए वैरिएंट (Omicron alert in Chhattisgarh) को लेकर राज्य सरकार ने अलर्ट जारी किया है. अब भी स्कूल लगातार चल रहे हैं. छत्तीसगढ़ सरकार की नए वैरिएंट से निपटने के लिए क्या तैयारी है. बच्चे स्कूल जा रहे हैं, स्कूलों के लिए क्या गाइडलाइन बनाएंगे. आम लोगों को क्या करना चाहिए?

जवाब:छत्तीसगढ़ में पहला वैरिएंट विदेश (यूके) से आया था. अगर उस समय भी इंटरनेशनल फ्लाइट को रोक लेते या जो विदेशों से आए थे, उन्हें क्वारेंटाइन कर लेते तो कोरोना नहीं फैलता. दूसरा जो वैरिएंट छत्तीसगढ़ में आया, वह नागपुर से आया. नागपुर हमसे लगा हुआ है. इस कारण यह गांव-गांव में फैला, लेकिन छत्तीसगढ़ ने सबसे पहले इसे नियंत्रित किया. तीसरा वैरिएंट साउथ अफ्रीका से आ रहा है. इस बार भी हमलोग लगातार मांग कर रहे हैं कि जिन देशों से यह वैरिएंट निकला है, भारत सरकार वहां से हवाई यात्रा रोके और वहां से जो लोग लौट रहे हैं उनका पूरा ट्रीटमेंट करे. उन्हें क्वारेंटाइन किया जाए, उन्हें ट्रेस किया जाए तो निश्चित रूप से कोरोना के इस नए वैरिएंट को रोका जा सकता है. लेकिन इसके फैल जाने के बाद इसे रोकना कठिन काम हो जाएगा. उसके पहले ही हम रोकथाम कर लें तो ज्यादा बेहतर होगा.

हमलोग भी नजर रख रहे हैं. बच्चों की पढ़ाई का पहले ही बहुत नुकसान हो चुका है और नुकसान न हो इसलिए हमलोगों ने स्कूलों और बाजार को खोलकर रखा है. सारे लोग इस मामले में पहले से ही दहशत में हैं. क्योंकि फिर इसका फैलाव होगा तो व्यापार का, ट्रांसपोर्टेशन का, होटल का, स्कूल का, बच्चों का, सबका नुकसान होगा. इसके लिए सबको सचेत रहना होगा. तीसरे वैरिएंट के बारे में विशेषज्ञ जो बता रहे हैं कि इसमें भी पहले की तरह ही मास्क का उपयोग, सैनिटाइजर का इस्तेमाल, बार-बार हाथ साफ करना और फिजिकल डिस्टेंसिंग के जो सुरक्षात्मक उपाय हैं, वह हम सबको करने चाहिए.

सवाल:आलाकमान ने यूपी चुनाव को लेकर आपको एक अहम जिम्मेदारी दी है, पहले असम फिर यूपी. बड़ा राज्य है. क्या आकलन है, आप लगातार दौरा कर रहे हैं यूपी का. क्योंकि यूपी में कांग्रेस 32 साल से सत्ता से दूर है?

जवाब: प्रियंका जी के नेतृत्व में लगातार यूपी के संगठन का काम किया जा रहा है. प्रदेश, जिला, ब्लॉक, न्याय पंचायत और बूथ लेवल तक की कमेटियां बनाने का काम तेजी से चल रहा है. ट्रेनिंग चल रही है. कांग्रेस काफी मजबूती से उभरकर सामने आई है. इसी का नतीजा रहा कि बनारस की रैली, गोरखपुर की रैली, मनेर-महोबा की रैली में लोगों का जबरदस्त आकर्षण रहा. लोगों ने जो प्रतिक्रिया दी हैं, उसी के अनुसार उन्हें कनेक्ट किया जा रहा है. लोगों का जुड़ाव कांग्रेस की ओर हो रहा है. दिन-प्रतिदिन कांग्रेस का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है.

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सवाल:आपको लग रहा है कि उत्तर प्रदेश में आपकी सरकार बनेगी ?

जवाब: मैं ये कहना चाहूंगा कि चौंकाने वाले रिजल्ट आएंगे.

सवाल:अभी पिछले चुनाव की बात की जाए तो समाजवादी पार्टी से आपलोगों का गठबंधन था. इस बार ऐसा क्या हुआ कि बातचीत नहीं चल रही है. या ऐसा कुछ होने ही वाला नहीं है?

जवाब:सब लोगों ने तय किया कि सब छोटी पार्टियों से ही गठबंधन करें. सभी कर रहे हैं. भाजपा कर रही है, सपा कर रही है, हमलोग भी कर रहे हैं. सभी इंडिविजुअल लड़ेंगे. यूपी बहुत बड़ा राज्य है. बहुत सारे छोटे-छोटे संगठन भी हैं. उनसे सब गठबंधन करते जा रहे हैं.

सवाल:यूपी में जो चुनावी वायदे आपलोगों ने किये हैं, उसको लेकर बीजेपी और विपक्षी दल कह रहे हैं कि ये सिर्फ वायदे हैं, चुनावी वायदे, इसको पूरा नहीं किया. चाहे महिलाओं को 40 प्रतिशत आरक्षण की बात हो, हालांकि वो तो आपलोग करेंगे. लेकिन उसके बाद जो-जो वायदे हैं, उसको लेकर विपक्षी आप लोगों को और आपकी पार्टी को टारगेट कर रहे हैं. आपको लगता है कि ये सारे वायदे पूरे हो जाएंगे. छत्तीसगढ़ में आपने वायदा किया था कि 2500 रुपये के समर्थन मूल्य पर धान खरीदी होगी, वहां इसपर अमल किया जा रहा है. क्या यह यूपी में कारगर होगा, आपको क्या लगता है?

जवाब: बिल्कुल. जब छत्तीसगढ़ में किया जा सकता है तो यूपी में क्यों नहीं किया जा सकता. अभी छत्तीसगढ़ में किसानों को धान की कीमत 2500 रुपये से ऊपर मिल रही है. जैसे गौठान हमने किया है. उत्तर प्रदेश में जानवर खुले में घूम रहे हैं, उस कारण लोग परेशान हैं. जानवरों से अपनी फसल नहीं बचा पा रहे हैं. इससे लगातार किसानों के बीच झगड़े हो रहे हैं. इस समस्या के निदान के लिए हमने छत्तीसगढ़ में गौठान कार्यक्रम शुरू करके रखा है, उस कार्यक्रम से इसका निदान मिलेगा. बहुत सारी योजनाएं हमने छत्तीसगढ़ में लागू की हैं, उसी तर्ज पर हमलोग उत्तर प्रदेश में भी लागू करेंगे.

सवाल:छत्तीसगढ़ मॉडल ही चलेगा उत्तर प्रदेश में और चौंकाने वाले रिजल्ट आएंगे?

जवाब:जी.

Last Updated : Dec 1, 2021, 7:50 PM IST

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