रायपुर: प्रदेश में एक बार फिर से छत्तीसगढ़िया, स्थानीय और बाहरी को लेकर राजनीति तेज हो गई है. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से लगातार नई सरकार खुद के छत्तीसगढ़िया सरकार होने का दावा करते दिखी है.
पुनिया ने दी नसीहत
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद समीक्षा में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने छत्तीसगढ़िया और बाहरी जैसे भेद को खत्म करने की नसीहत दे दी है. पुनिया की नसीहत पर गौर करें तो लगता है कि छत्तीसगढ़िया कार्ड अब सरकार के लिए मुसीबत बनने लगा है.
संगठन मजबूत करना बड़ी चुनौती
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की दो तिहाई बहुमत से सरकार बनने के बाद भी लोकसभा चुनाव में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा. इस शिकस्त ने पार्टी के आला नेताओं की चिंता और बढ़ा दी है. जाहिर सी बात है, नगरीय निकाय चुनाव सामने हैं. इन चुनावों से पहले संगठन को मजबूत करना पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती होगी.
'सरकार की कार्यशैली में सुधार पर जोर'
पार्टी के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने सरकार की कार्यशैली में सुधार करने पर जोर दिया है. छत्तीसगढ़ की निर्वाचित सरकार के शुरुआती दिनों से लेकर अब तक यह मैसेज दिया जा रहा था कि, छत्तीसगढ़िया सरकार है और इसमें छत्तीसगढ़िया और बाहरी का मुद्दा लगातार चल रहा था, लेकिन अब प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने साफ कह दिया है कि 'छत्तीसगढ़ में सबसे पहले संगठन के भीतर छत्तीसगढ़िया और बाहरी जैसे भेद को खत्म करना है और इसके साथ ही संगठन के बाहर भी प्रदेश में ये मैसेज देना गलत है कि, छत्तीसगढ़िया और बाहरी यह सरकार किसकी है'.