रायपुर/भोपाल: 58 साल के ओबीसी नेता और बाबा महाकाल की नगरी से आने वाले मोहन यादव को मोदी और शाह की जोड़ी ने मुख्यमंत्री बना दिया. मोदी और शाह की जोड़ी ने एक बार फिर तमाम राजनितिक पंडितों को फेल करते हुए ऐसा नाम खोज निकाला जिसकी कल्पना किसी के मन में नहीं थी. छत्तीसगढ़ के बाद पीएम मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने मध्यप्रदेश में भी चौंकाने वाला फैसला लिया है. मोहन यादव को संघ का करीबी और शिवराज का भरोसेमंद माना जाता है. मालवा और निमाड़ में जब कांग्रेस की आंधी चल रही थी तब भी मोहन यादव ने भगवा परचम लहराए रखा. शिक्षा मंत्री के तौर पर जिस तरह के फैसले छात्रों को हित में मोहन यादव ने लिए उसे मील का पत्थर कांग्रेस के नेता भी मानते हैं.
ओबीसी और हिंदू छवि दोनों है मोहन यादव में: उज्जैन दक्षिण सीट से भगवा परचम लहराने वाले मोहन यादव की छवि हिंदू चेहरे के रुप में मानी जाती है. मोहन यादव को लेकर उज्जैन दक्षिण सीट के लोगों का कहना है कि रात हो या दिन मोहन यादव से मुलाकत करनी हो तो उनके घर चले जाएं. कोरोना काल का डरावना रुप शायद ही कोई भूला हो. उज्जैन की गलियों में दिन और रात को घूमने वाला एक मात्र नेता मोहन यादव थे जो लोगों को घूम-घूमकर मदद पहुंचा रहे थे.
मोदी और शाह ने फिर चौंकाया:भोपाल में जब बीजेपी विधायक दल की बैठक में मोहन यादव का नाम विधायक दल के नेता के लिए पुकारा गया तो वो खुद आश्चर्यचकित हो गए. पार्टी का धन्यवाद देते हुए भरे गले से बस इतना ही कह पाए. मैं पार्टी का छोटा सा कार्यकर्ता हूं, मैं आप सभी को धन्यवाद देता हूं. मोहन यादव की बहन ने मीडिया से कहा कि उनका नाम तो चर्चा में चल रहा था लेकिन जब नाम पुकारा गया तो लगा जैसे बाबा महाकाल ने उनकी मेहनत का फल झोली में डाल दिया. मोहन यादव के पिता पूनम चंद यादव बोले कि बेटे को प्रदेश का मुख्यमंत्री चुने जाने पर मन खुशियों से भर गया है बार बार बाबा महाकाल को धन्यवाद देता हूं.
विष्णुदेव साय ने दी मोहन यादव को बधाई: छत्तीसगढ़ के मनोनीत सीएम विष्णुदेव साय ने मोहन यादव को बधाई दी है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर लिखा कि" मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री मनोनीत किए जाने पर मोहन यादव जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. मुझे विश्वास है कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन एवं आपके कुशल नेतृत्व में मध्यप्रदेश विकास के नित नए सोपान तय करेगा.