रायपुर: छत्तीसगढ़ में 15 साल तक सरकार चलाने के बाद जिस तरह विधानसभा चुनाव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है, शायद उससे उबरने में भाजपा को समय लगेगा. 15 साल सरकार चलाने वाली भाजपा महज 14 सीटों पर सिमट गई है. ऐसे में कार्यकर्ताओं की निराशा को दूर करने के लिए अब पार्टी ने प्रदेश प्रभारी के रूप में डी पुरंदेश्वरी और सह प्रभारी नितिन नवीन को जिम्मेदारी सौंपी है.
पार्टी में लंबे समय से चल रही गुटबाजी को भी अब पार्टी आलाकमान समझ गई है. यहीं वजह है कि अपने दूसरे दौरे में ही प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी को खुद कहना पड़ गया है कि छत्तीसगढ़ में अब भाजपा को खड़ा करने के लिए वीआईपी और फाइव स्टार कल्चर छोड़ना होगा. छत्तीसगढ़ में भाजपा के साथ वीआईपी कल्चर न केवल आम लोगों तक बल्कि भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच नाराजगी का बड़ा कारण रहा है.
वीआईपी कल्चर से पार्टी को नुकसान
छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी को प्रदेश में सत्ता वापसी के लिए है अब जमीन तलाशने की जरूरत है. 15 साल के लंबे समय तक सत्ता संभालने के बाद भी भाजपा को छत्तीसगढ़ की जनता ने बुरी तरह नकार दिया है. इसके पीछे के बहुत सारे कारण बताये जा रहे हैं, जिसे अब पार्टी आलाकमान भी करीब से समझने की कोशिश कर रही है. छत्तीसगढ़ में मिशन 65 के टारगेट के साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अमित शाह ने पूरे छत्तीसगढ़ में दौरा किया था और कॉन्फिडेंस के साथ छत्तीसगढ़ में सत्ता सरकार बनाने के दावे करते रहे थे, पार्टी के भीतर चल रहे वीआईपी कल्चर ने पार्टी को बुरी तरह परास्त कर दिया.
कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करने की जरूरत
कमान संभालने के बाद छत्तीसगढ़ आई प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने पार्टी के भीतर तमाम तरह की गुटबाजी को समझने का प्रयास किया था और 1 महीने से कम के अंतराल में ही दूसरा दौरा करके उन्होंने छत्तीसगढ़ के जिलों में जाकर कार्यकर्ताओं से संवाद कर रही हैं. डी पुरंदेश्वरी ने साफ शब्दों में कहा है कि पार्टी में वीआईपी और फाइव स्टार कल्चर नहीं चलेगा. एसी कमरों को छोड़कर मतदान केंद्रों और गांव तक कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करने की जरूरत है. यहीं नहीं उन्होंने दो टूक कहा है कि उन्हें यह भी पता लगाना होगा कि उनसे कार्यकर्ता आखिर क्यों नाराज हैं?, लोग क्यों नाराज हैं? पार्टी में तमाम मोर्चा और जिला स्तर की कार्यकारिणी गठित कर दी गई है. प्रदेश की प्रकोष्ठ में भी नियुक्तियां कर दी गई है. उन्होंने कहा है कि पार्टी में संगठन ही शक्ति है और कमिटेड कार्यकर्ता ही हमारी ताकत हैं.
पढ़ें:कांग्रेस सरकार और संगठन की अंतर्कलह खुलकर सामने आ गयी:धरमलाल कौशिक
दबी जुबान में चल रही वीआईपी कल्चर की बात
भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ में जिस तरह से फाइव स्टार और वीआईपी कल्चर के हिसाब से काम कर रही थी, इसे लेकर लंबे समय से नाराजगी के सुर देखे जाते रहे हैं. भाजपा का नया प्रदेश कार्यालय ही फाइव स्टार की तर्ज पर डेवलप किया गया है. इतना ही नहीं पार्टी में कार्यकर्ताओं ने भी दबी जुबान से तमाम फोरम में नाराजगी देखी गई है. वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक शशांक शर्मा कहते हैं, भारतीय जनता पार्टी में पार्टी की स्थापना के दौर से कमिटेड होकर लोग निस्वार्थ तरीके से जुड़े हुए थे. लोग दरी और चना मुर्गा खाकर पार्टी के लिए काम करते रहे हैं. यह बात सही है कि समय के हिसाब से अपडेट होना जरूरी है, लेकिन 15 सालों की सरकार के साथ ही पार्टी में भी कॉरपोरेट कल्चर ने अपनी जगह बना ली थी. अब जिस तरह से एक बार फिर से वीआईपी कल्चर को लेकर साफ तौर पर प्रदेश के प्रभारी ने बात कही है. इससे साफ संदेश दिया गया है कि पार्टी के बड़े नेता भी वीआईपी कल्चर से बाहर निकलकर ग्रासरूट में जाकर लोगों से संपर्क करें.