क्या है बाल संघम, बस्तर में बच्चों का कैसे इस्तेमाल कर रहे नक्सली, जानिए ?
1-केद्रीय गृह मंत्रालय ने नक्सल समस्या को लेकर बड़ा खुलासा किया है. खासकर छत्तीसगढ़ के नक्सली इलाके बस्तर में नक्सलियों की मौजूदा रणनीति को लेकर. इस रिपोर्ट में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया है कि नक्सली संगठन छत्तीसगढ़ में छोटे बच्चों का उपयोग कैडर बढ़ाने और गुप्त सूचनाएं जुटाने के लिए कर रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि झारखंड और छत्तीसगढ़ में मौजूद नक्सली संगठन अपने लाभ के लिए छोटे बच्चों का भी उपयोग कर रहे हैं. click here
कोरबा पुलिस कस्टडी में युवक की मौत का मामला, 18 पुलिसकर्मी लाइन अटैच
2-कोरबा पुलिस कस्टडी में युवक की मौत के मामले में 18 पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है. सभी पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच किया गया है. तो वही थाना प्रभारी भी बदले गए हैं. click here
खत्म हुआ इंतजार छत्तीसगढ़ में 14 हजार 580 शिक्षकों की सीधी भर्ती के आदेश जारी
3-छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की सीधी भर्ती के आदेश जारी कर दिए हैं. वित्त विभाग से मंजूरी मिलने के बाद नियुक्ति के आदेश जारी किए जा रहे हैं. click here
बिना स्कूली बच्चों के वैक्सीनेशन के स्कूल खोलने की तैयारी, बढ़ सकता है तीसरी लहर का खतरा !
4- 2 अगस्त से छत्तीसगढ़ सरकार बिना बच्चों का वैक्सीनेशन किए स्कूल खोलने जा रही है. जिस कारण अभिभावक काफी चिंता में है. कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका के बीच सरजुगा के अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं. इसके लिए अभिभावक संघ ने सरगुजा कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया है. click here
बृहस्पति-टीएस विवाद पर गृह मंत्री साहू का बयान, क्षमा और खेद व्यक्त करने में कोई अंतर नहीं होता
5- छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू राजस्थान दौरे पर हैं. राजस्थान रवाना होने से पहले उन्होंने बृहस्पति-सिंहदेव विवाद पर कहा कि यह दिल्ली तक जाने लायक कोई प्रकरण नहीं है. क्षमा और खेद में कोई अंतर नहीं होता, क्षमा मांगता हूं कहना और खेद व्यक्त करने का मतलब अपनी बात से हटना है. click here