रायपुर:छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का चौथा दिन हंगामेदार रहा. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के विधायक धरमजीत सिंह ने गौठान, गोबर खरीदी और वर्मी कंपोस्ट तैयार करने का मामला प्रश्नकाल के दौरान उठाया. इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कृषि मंत्री रविंद्र चौबे से पूछ लिया कि एक किलो वर्मी कम्पोस्ट बनाने में कितना किलो गोबर लगेगा? जवाब में मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि "गोबर का 35 से 40% वर्मी कंपोस्ट तैयार होता है. कभी-कभी स्थितिओं के मुताबिक ये कम ज्यादा भी होता है. क्ववालिटी की टेस्ट यूनिवर्सिटी से कराते हैं. एक्सपायरी डेट से संबंधित कोई अभी तय समय सीमा नहीं कही जा सकती है. अधिकारियों से कहूंगा कि धरमजीत सिंह को वहां जाकर गौठान दिखाएं.
विधानसभा अध्यक्ष ने कृषि मंत्री से पूछा- एक किलो वर्मी कम्पोस्ट बनाने में कितना गोबर लगेगा ?
छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन गौठान, गोबर खरीदी और वर्मी कंपोस्ट को लेकर सदन में सवाल उठाया गया. इतना ही नहीं रेडी टू ईट का मामला सदन में गूंजा.
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रेडी टू इट फूड की आपूर्ति में भी घुस आए हैं माफिया:आंगनबाड़ी केंद्रों पर रेडी टू ईट फूड की आपूर्ति का मामला सदन में गूंजा. मानसून सत्र के चौथे दिन भाजपा विधायक सौरभ सिंह ने रेडी टू ईट का मामला उठाया. सौरभ सिंह ने आरोप लगाया कि रेडी टू ईट की सप्लाई में भी अब माफिया घुस गए हैं. इस पर सदन में हंगामा हो गया. भाजपा विधायकों ने पूरे मामले की जांच की मांग की.
बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने कहा, "आंगनबाड़ी केंद्रों में अप्रैल महीने मैं रेडी टू ईट की सप्लाई नहीं हुई. जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने कहा, "महिला स्व-सहायता समूह की हाईकोर्ट में लगी याचिका की वजह से सप्लाई नहीं हो सकी. विधायक सौरभ सिंह ने पूछा- हाईकोर्ट ने ये भी आदेश दिया था कि जिन-जिन समूहों का अनुबंध खत्म नहीं हुआ है. उनकी सप्लाई जारी रहेगी. इसके बाद विपक्ष आक्रामक हो गया. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, रेडी टू ईट फूड की सप्लाई में भी अब माफिया घुस गए हैं. विपक्ष ने इस पूरे मामले की विधानसभा की कमेटी से जांच की मांग की. सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, अगर जांच की आवश्यकता होगी आगे निर्णय लिया जाएगा.
भ्रष्टाचार के मामले 2018 से हैं लंबित:भाजपा विधायक कृष्णमूर्ति बांधी ने कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू, एसीबी, विभागीय जांच या अन्य जांच को लेकर सवाल पूछा. जवाब में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया, "ईओडब्ल्यू में चार, विभागीय जांच में 12 और लोक आयोग के 10 मामलों की जांच चल रही है." विधायक बांधी ने पूछा, जांच की अधिकतम सीमा एक साल है. कितने मामलों की जांच इससे ज्यादा वक्त से लंबित है. कृषि मंत्री ने बताया, अधिकतर मामले 2018 से पहले के हैं. विभाग ने 25 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए दो-दो वेतनवृद्धि रोकने की कार्रवाई की है.