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किसान कल्याण शुल्क वसूलेगी छत्तीसगढ़ सरकार - Chhattisgarh Winter Session update

छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र में छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक पारित हो गया. यह विधेयक सोमवार को पारित हुआ. छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक को सरकार ने किसान के हित में बताया है.

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छत्तीसगढ़ विधानसभा

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Published : Dec 29, 2020, 11:17 AM IST

Updated : Dec 29, 2020, 11:33 AM IST

रायपुर: विधानसभा में छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक पारित हो गया. विधेयक पारित होने के पहले सदन में हुई चर्चा के दौरान कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि इस संशोधन में कृषक कल्याण शुल्क लगाया गया है. ये शुल्क देश के कई राज्यों में लगा हुआ है. पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश में ये शुल्क लगा है. इस बिल पर राज्यपाल अनुसुइया उइके ने अब तक हस्ताक्षर नहीं किए हैं.

कृषि मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में मंडी अधोसंरचना के विकास, किसानों की उपज के लिए 164 गोदाम बनाए जा रहे हैं. इस राशि से मंडियों का विकास करने, किसानों के लिए विश्राम गृह बनाने जैसे किसान हित में काम होंगे. वहीं विपक्ष ने कहा कि मंडी शुल्क बढ़ाने से किसानों पर बोझ बढ़ेगा.

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गूंजा बेरोजगारी का मुद्दा

बेरोजगारी का मुद्दा सोमवार को सड़क से सदन तक गर्माया रहा. जहां एक ओर विद्या मितानों (अनियमित शिक्षक) ने धरनास्थल से रैली निकालकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. रोजगार और नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे विद्या मितानों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई, तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष ने शिक्षकों की भर्ती और विद्या मितान के मुद्दे को लेकर सदन में जमकर हंगामा किया. सरकार से तीखी बहस के बाद विपक्ष ने वॉकआउट भी किया.

विधायक कृष्णमूर्ति बांधी ने उठाया मुद्दा

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रदेश में बेरोजगारी का मामला उठाया. कौशिक ने सरकार पर अपना वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाया. विधायक कृष्णमूर्ति बांधी ने विद्या मितानों का मुद्दा उठाया. उन्होंने पूछा कि विद्या मितानिनों को अतिथि शिक्षक के रूप में रखा गया है कि नहीं? यदि हां तो पिछले वित्तीय वर्ष में कितने विद्या मितानों की अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्ति की गई है?

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'प्रदेश में 14 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती'

मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने जवाब में कहा कि वर्ष 2019 में 1832 विद्या मितानशाला में नियमित शिक्षकों की व्यवस्था होने तक अतिथि शिक्षकों के रूप में कार्य करने का आदेश जारी किया गया है. उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई है. प्रदेश में 14,580 पदों पर शिक्षकों की भर्ती की जा रही है.

विपक्ष हुआ नाराज

विपक्षी सदस्य ने मंत्री को घेरते हुए कहा कि जब आपने इनसे वादा किया है, तो इसे पूरा करने में लेटलतीफी क्यों की जा रही है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने विद्या मितानों के 2 माह से धरने पर बैठे होने की जानकारी दी. मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा सदस्यों और जेसीसीजे से धर्मजीत सिंह ने सदन से वॉकआउट किया.

Last Updated : Dec 29, 2020, 11:33 AM IST

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