रायपुर: ग्लोबल मार्केट और आधुनिकीकरण ने जिसे सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया वो हमारे छोटे उद्योग हैं. नए बाजार ने कुम्हारों, बुनकरों के सामने रोजी-रोटी का बड़ा संकट खड़ा किया है. उदाहरण के लिए दीपावली पर मिट्टी के दीयों की जगह इलेक्ट्रिक और चाइनीज झालर ने ले ली. मोमबत्तियों और लाइट्स को हमने इतनी जगह दी कि जो कभी हमारा घर रोशन करते थे, उनके घर मायूसी छा गई. लेकिन इस बार लोगों में जागरूकता देखने को मिल रही है.
सोशल मीडिया, विज्ञापनों ने लोगों की सोच बदलने में थोड़ी सफलता हासिल की, तो कैंपेन ने भी प्रशासन को मजबूर किया कि वे कुम्हारों के पक्ष में निर्देश जारी कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ में प्रशासन ने इसके लिए सराहनीय कोशिश की है. मुंगली, धमतरी, बेमेतरा जिला प्रशासन ने आदेश जारी किया है. ETV भारत भी लगातार लोगों से मिट्टी के दीए खरीदने की अपील कर रहा है.
रायपुर महापौर ने दिए निर्देश
रायपुर महापौर प्रमोद दुबे ने दिवाली के मद्देनजर नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मिट्टी के दीये बेचने वालों से विक्रय कर न लिया जाए. महापौर ने कहा कि नगर निगम की सीमा के कई बाजारों से कुम्हार मिट्टी के दीये बेचने आते हैं. मेयर ने कहा कि ठेले, पसरे, खोमचे वालों से हर दिन निगम द्वारा टैक्स लिया जाता है. दिवाली पर किसी प्रकार का कर नहीं लिया जाएगा.
बेमेतरा कलेक्टर ने जारी किए निर्देश, हमने दिखाई थी खबरEtv भारत ने बेमेतरा से कुम्हारों की दयनीय हालत पर खबर चलाई थी. हमारी अपील का असर देखने को मिला. कलेक्टर सिखा राजपूत तिवारी ने जिले में मिट्टी के दिये बेचने आने वाले कुम्हारों को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए नगर पालिका, नगर पंचयात और जनपद पंचायत को निर्दशित किया है. इसका साथ ही कलेक्टर ने मिट्टी के दिये जलाए जाने के लिये लोगों को प्रोत्साहित करने कहा है.
मुंगेली कलेक्टर की अपील भी और पहल भी
दिवाली के मौके पर दीये बनाने वाले कुम्हारों को लेकर मुंगेली कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने एक शासकीय आदेश निकालकर गरीब कुम्हारों के मिट्टी के दीये खरीदने की अपील लोगों से की है. साथ ही साथ इन कुम्हारों को नगरपालिका और नगरपंचायत क्षेत्र में किसी भी तरह के टैक्स से मुक्त रखने का आदेश भी दिया है.