रायपुर:कहते हैं कि ये दुनिया एक रंगमंच है और हम सब इसके कलाकार. जैसे आम जीवन में लोगों को लक्ष्य हासिल करने के लिए जीवन भर संघर्ष करना पड़ता है. इसी तरह एक कलाकार को अपनी कला में माहारत हासिल करने के लिए जीवन भर स्ट्रगल करना पड़ता है. आज हम आपको ऐसे ही एक कलाकार रवि शर्मा के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसने एक्टिंग में अपना करियर बनाने के लिए अपना घर बार छोड़ दिया. पिछले 4 साल से ये शख्स रायपुर में रह रहा है. एक छोटी चाय की टपरी चला कर ये अपना जीवन बसर कर रहा है. ताकि उनका एक्टिंग का काम भी चलता रहे और थोड़ी बहुत कमाई भी होती रहे. ईटीवी भारत ने एक्टर रवि शर्मा से खास बातचीत की.
एक्टर रवि शर्मा से खास बातचीत आईए जानते हैं रवि शर्मा के संघर्ष की कहानी उन्हीं की जुबानी...
रामलीला में लक्ष्मण का किरदार निभाया: रवि शर्मा ने बताया कि में भाटापारा के माचभाट का रहने वाला हूं. बचपन से ही मुझे एक्टिंग का बहुत शौक है. यही वजह है कि 13 साल की उम्र से मैं एक्टिंग कर रहा हूं. गांव में होने वाले रामलीला में मैंने लक्ष्मण का किरदार निभाया था. धीरे-धीरे जब मैंने एक्टिंग शुरू की तो मुझे इसमें स्ट्रगल समझ में आया. 2018 में मैं पहली बार रायपुर आया. 2018 के बाद मैं रोजाना रायपुर अप-डाउन किया करता था. लेकिन अप-डाउन करने में काफी पैसे और समय दोनों खर्च हो जाया करते थे. लॉकडाउन के समय तो ट्रेनें बंद होने से अप डाउन करना भी मुश्किल हो गया था. इस वजह से मैंने रायपुर में रहने का फैसला लिया.अभी मैं अपने रिश्तेदार के यहां रहता हूं और उन्हीं की एक छोटी सी दुकान है, जिसमें मैं चाय की टपरी चलाता हूं और एक्टिंग करता हूं.
इसलिए खोली चाय की टपरी: रवि कहते हैं कि शुरू-शुरू में जब मैंने एक्टिंग करनी शुरू की तो मुझे समझ में आया कि मेरे जैसे ही बहुत सारे एक्टर हैं, जो मुझसे एक्टिंग में काफी अच्छे हैं. उन सब के बीच अपने आपको साबित करने की मुझे जरूरत है. तभी मुझे काम मिलेगा. जब मैंने शुरुआत की तब एक निजी मोबाइल कंपनी में मैं सेल्समैन का काम करता था. ड्यूटी के बाद शाम को भाटापारा से रायपुर आया करता था और थिएटर में काम करता था. कुछ महीने तक ऐसे ही करता रहा लेकिन इससे समय और पैसा बहुत ज्यादा खर्च हो जाया करता था. जब मैंने रायपुर में रहकर धीरे-धीरे काम करना शुरू किया तो लोगों ने मुझे पहचाना और धीरे धीरे मुझे काम मिलने लगा.
साइड इनकम के लिए करता हूं ये काम:रवि कहते हैं कि 2019 में रंग निर्देशक योग्य मिश्रा सर ने मुझे "दयाशंकर की डायरी" छत्तीसगढ़ी नाटक में प्ले का ऑफर दिया. मेरे लिए यह रोल काफी चैलेंजिंग था. लेकिन धीरे-धीरे मैंने उस रोल को अपने में ढाला और एक्टिंग करना शुरू किया. आज लगभग 1900 शो हो चुके हैं. मैंने दयाशंकर की डायरी के साथ-साथ छत्तीसगढ़ फिल्म "वेलकम टू बस्तर" छत्तीसगढ़ वेब सीरीज "गुदगुदी" में भी काम किया है. इसके साथ-साथ मैं यूट्यूब पर अपना एक ब्लॉग भी चलाता हूं, जिससे थोड़ी साइड इनकम भी हो जाती है.
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संघर्ष जीवन का हिस्सा:रवि कहते हैं कि जीवन एक संघर्ष का नाम है. अगर आप इसे संघर्ष ना समझ कर जीवन का ही एक हिस्सा समझें तो जिंदगी आपकी आसान हो जाएगी. मैं यह कभी नहीं सोचता कि आगे क्या होगा. आगे मुझे क्या करना है. मैं आज पर जीता हूं और आज मेहनत करता हूं. परिस्थिति जैसी भी हो मैं परिस्थिति के आगे नहीं झुकता और संघर्ष करता रहता हूं. इसीका नतीजा है कि आज थोड़े बहुत लोग मुझे जानते हैं और मुझे काम मिलने लगा है. जो लोग परिस्थिति और चुनौती के सामने हार मान जाते हैं. उनको मैं यही कहना चाहता हूं कि परिस्थिति और चुनौतियां जिंदगी में आते रहेंगे लेकिन जीना इसी का नाम है.