रायपुरः छठ (Chath) यानी कि भगवान सूर्य (Surya) की आराधना. ये एक ऐसा पर्व है जिसमें प्रकृति की पूजा (Worship of nature) प्राकृतिक वस्तुओं द्वारा की जाती है. नवरात्र (Navratri) खत्म होने के बाद से ही हर घर में छठ के गीत (Chath song) बजने लगते हैं. छठ गीत के धुन हर किसी को मंत्रमुग्ध करने वाला होता है. नियमों के अनुसार छठ पूजा (Chath puja) के समय ही छठ के गीत सुनने चाहिए. यही कारण है कि हमेशा लोग छठ के गीत नहीं सुने जाते.
छठ के पौराणिक गीतों में को सुनकर हम ये जान पाते हैं कि कैसे लोग अभावग्रस्त होने के बावजूद भी छठ की पूजा और व्रत को बरकरार रखते थे. छठ में गंगा के घाट (Ganga Ghat) का एक अलग ही महत्व होता है. कहते हैं कि गंगा मैया भगवान सूर्य की बहन हैं. बहन के पास जाकर छठ में भगवान सूर्य की आराधना की जाती है. मां गंगा और भगवान सूर्य दोनों ही साक्षात देव हैं.
छठ को उर्जा का पर्व भी कहा जाता है, यही कारण है कि चार दिनों के कठीन व्रत में भी व्रती को उर्जा प्राप्त हो ही जाती है और वो कठिन व्रत का संकल्प पूरा करती हैं.
छठ में व्रत रखकर ही छठी मैय्या का प्रसाद बनाने की परंपरा होती है. इसपर एक गाना भी है जो इस पर्व की पवित्रता और शुद्धता का वर्णन करता है.
मारबो रे सुगवा धनुख से
सुगा गिरे मुरझाए
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से