लोकसभा की प्लेन के लिए सचिन बने पायलट, क्या भगवा तूफान में छत्तीसगढ़ में होगी सेफ लैंडिंग ?
Lok Sabha Election In Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के बाद अब राजनीतिक दल लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं. बीजेपी प्रचंड बहुमत पाकर सत्ता में आ चुकी है.वहीं कांग्रेस के पास मौका है कि वो लोकसभा में बीजेपी को टक्कर देकर छत्तीसगढ़ अपनी मौजूदगी का अहसास करा दे.लिहाजा कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ का प्रभारी सचिन पायलट को बनाते हुए बड़ा बदलाव किया था.सचिन पायलट जो खुद राजस्थान में सीएम बनने का ख्वाब देख रहे थे.उनके पास अब मौका है अपनी काबलियत को साबित करने का. Sachin Pilot In Lok Sabha Election
छत्तीसगढ़ में लोकसभा की प्लेन के लिए सचिन बने पायलट
रायपुर: छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने नई टीम बनाई है.जिसमें प्रदेश प्रभारी का जिम्मा सचिन पायलट को सौंपा गया है.आलाकमान ने विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा का पत्ता साफ कर दिया था.जिसके बाद राजस्थान के दिग्गज युवा नेता सचिन पायलट को छत्तीसगढ़ का प्रदेश प्रभारी बनाया गया है. 11 जनवरी को पहली बार सचिन पायलट छत्तीसगढ़ आएं. जहां कांग्रेस के नेताओं ने उनके आगमन पर शक्ति प्रदर्शन किया.
इतिहास बदलने का दावा :सचिन पायलट ने भी लोकसभा चुनाव को लेकर इतिहास बदलने का दावा किया है. जबकि बीजेपी ने सचिन पायलट पर तंज कसते हुए राजस्थान जैसी स्थिति छत्तीसगढ़ में बनने की बात कही है. इतना ही नही बीजेपी के दिग्गज नेता ने कहा है कि सचिन वो पायलट हैं जो कई राज्यों में कांग्रेस के उड़ते प्लेन को नीचे पलट चुके हैं.वहीं राजनीति के जानकारों की माने तो कांग्रेस ने दूरगामी नतीजों को देखकर छत्तीसगढ़ की कमान सचिन पायलट के हाथों में सौंपी है.लोकसभा में सचिन पायलट की नई सोच का फायदा पार्टी को जरुर होगा.
छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन रहा. लेकिन लोकसभा चुनाव में पार्टी कुछ कमाल नहीं कर सकी है.इस पर सचिन पायलट ने कहा कि यदि पहले ऐसा हुआ है. तो कोई जरूरी नहीं की आगे भी ऐसा ही होगा. हम यहां इतिहास बदलने के लिए आए हैं.
'' विधानसभा और लोकसभा चुनाव अलग- अलग होता है. विधानसभा स्थानीय मुद्दे होते हैं. जबकि लोकसभा में केंद्रीय मुद्दे होते हैं. यह जरूरत है विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता आहत हुए हैं. लेकिन राजनीति में हमेशा भविष्य देखना चाहिए.भविष्य कांग्रेस का अच्छा है और बेहतर परिणाम आएगा.'' सचिन पायलट, प्रदेश प्रभारी कांग्रेस
काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती : सचिन पायलट ने राम मंदिर और पिछले लोकसभा चुनाव को लेकर भी बड़े बयान दिए. पायलट ने कहा कि पिछली बार जो सीमाओं पर हुआ था. उससे अलग माहौल बना था. अब इस सरकार को 10 साल हो गए हैं. 10 साल में हवाई अड्डे ,रेल, खदान को ओने पौने दामों में निजी हाथों में दे दिया गया है. तीन काले कानून बनाए गए. अग्निवीर लाया गया, नौजवानों की फौज भर्ती में धोखा हुआ है. देश भर में जो नोटबंदी जीएसटी पॉलिसी चली, वह लोग देख रहे हैं. इस चुनाव में हमारी कोशिश रहेगी. लोगों के ज्वलंत मुद्दों पर चुनाव लड़ा जाए. बीजेपी की कोशिश रहेगी, वह जज्बाती मुद्दों पर वोट मांगने का काम करेगी. लेकिन काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती है, इस बार चुनाव परिणाम कांग्रेस के पक्ष में होगा.
बीजेपी ने सचिन पायलट के बयान पर किया पलटवार :सचिन पायलट के छत्तीसगढ़ प्रवास को लेकर बीजेपी ने कड़ा प्रहार किया है.बीजेपी के मुताबिक कांग्रेस की डूबती नैय्या में पायलट सवार हुए हैं.ये वो पायलट हैं जो अपने राज्य में कई बार कांग्रेस के उड़ते प्लेन को खींचकर पटक चुके हैं. इसके पहले कुमारी शैलजा को प्रभारी बनाया गया था. ये वहीं शैलजा थीं जिन्होंने हरियाणा में कांग्रेस को डुबोया था.
''अब सचिन पायलट आए हैं. जिन्होंने राजस्थान में कांग्रेस को डुबोने का काम किया है. अपने-अपने राज्यों में इन्होंने बगावत किया. ऐसे ही बगावत करने वाले लोग कांग्रेस पार्टी का सहारा बने हैं. छत्तीसगढ़ के बागियों को संभालने के लिए इसी तरह के लोगों को कांग्रेस पार्टी ने भेजा है.'' संदीप शर्मा, प्रवक्ता बीजेपी
छत्तीसगढ़ कांग्रेस में लोकसभा चुनाव मे जोश भरने की जवाबदारी सचिन पायलट को दी गई है.जो कुछ उन्होंने राजस्थान में किया है वहीं अब वे छत्तीसगढ़ में भी करेंगे. बृजमोहन अग्रवाल, शिक्षा मंत्री छत्तीसगढ़
तेजतर्रार नेता को मिली छत्तीसगढ़ कांग्रेस की कमान :वहीं कांग्रेस की लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध दुबे का कहना है कि विधानसभा चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ को कांग्रेस सबसे सुरक्षित मान रही थी. लेकिन परिणाम अप्रत्याशित रहा.लेकिन लोकसभा के लिए प्रभारी बदला गया है.सचिन पायलट को प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी मिली है. जिसमें उन्होंने आते ही राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा पर फोकस किया. राम जन्मभूमि ,अदानी के मामले और पार्टी लोकसभा चुनाव सहित कई मुद्दों पर संतुलित जवाब दिया.
''छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के नतीजे चाहे जो भी हो, लेकिन कांग्रेस ने वर्तमान स्थिति को देखते हुए सचिन पायलट को कमान सौंपकर एक बेहतर निर्णय लिया है.'' अनिरुद्ध दुबे, वरिष्ठ पत्रकार
अनिरुद्ध दुबे के मुताबिक पिछली बार लोकसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रवाद का मुद्दा हावी रहा .इस बार राम मंदिर का मुद्दा छाया हुआ है. इससे पायलट ने भी स्वीकार किया. पायलट के मुताबिक किसान, बेरोजगार युवा, महिलाएं अपने ढंग से आक्रोशित हैं. ऐसे बहुत सारे बिंदुओं पर पायलट ने नजर डाला है.ऐसे में पहले की अपेक्षा इस बार के लोकसभा चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए अच्छे हो सकते हैं.
2019 में कांग्रेस ने जीती थी दो सीट :लोकसभा चुनाव 2019 की बात की जाए, तो इसमें कांग्रेस को बढ़त मिली थी. 11 लोकसभा सीटों में से दो सीट पर कांग्रेस जीत हासिल करने में कामयाब रही. इन दो सीटों में कोरबा से ज्योत्सना चरणदास महंत और बस्तर से दीपक बैज ने जीत हासिल की थी.पिछली बार कांग्रेस राज्य में सत्ता में भी थी. लेकिन इस बार स्थिति दूसरी है. विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने मोदी की गारंटी पर चुनाव लड़ा था.जिसके नतीजे अप्रत्याशित रहे.अब जब लोकसभा में इन्हीं गारंटियों को पूरा करने के दावों के साथ बीजेपी जनता के बीच जाएगी तो मोदी फैक्टर से जनता को बाहर निकालना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती होगी.