रायपुर:धार्मिक दृष्टि से लोगों का ऐसा मानना है कि देवी देवताओं की पूजा करने के लिए यदि आप खाली पेट यानी उपवास रखकर पूजा अर्चना करते हैं, तो आपकी आराधना और भी ज्यादा सफल मानी जाती है. वहीं डॉक्टरों का भी मानना है कि साल के कुछ दिन या हफ्ते में एक दिन आपको फास्टिंग यानी कि व्रत रखना चाहिए. डॉ राकेश गुप्ता ने बताया कि "धर्मिक दृष्टि से उपवास के अलग महत्व हैं. सभी धर्मों में उपवास को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है. नवरात्र के वक्त लोग 9 दिन का उपवास रखते हैं. इसी तरह रमजान के दौरान भी उपवास होता है. धर्मों के नियम बहुत हद तक साइंस के आधार पर बनाए गए हैं. लंबे समय तक फास्टिंग करने से कोलेस्ट्राॅल और डायबिटीज नियंत्रण में रहता है."
वसा और कोलेस्ट्रोल की मात्रा होती है संतुलित: डॉ राकेश गुप्ता ने बताया कि "उपवास के जो प्राकृतिक नियम है, उसके अनुसार हम एक वक्त का खाना खाकर बाकी टाइम खाली पेट रहते हैं, तो इससे फायदा यह होता है कि शरीर में जो अधिक वसा की मात्रा है, वह घुलकर ब्लड में ग्लूकोज के रूप में उपयोग हो जाती है. इसके अतिरिक्त शरीर में वजन भी कम होता है. सिर्फ यही नहीं कोलेस्ट्रोल की मात्रा भी लंबे समय तक नियंत्रित रहती है. हालांकि अधिक लंबे समय तक खाली पेट नहीं रहना चाहिए. दिन भर में एक वक्त फल या खाना जरूर खाएं. हफ्ते में 1 दिन भी यदि आप उपवास रहते हैं, तो आपके शरीर के लिए यह लाभदायक होता है."