रायपुर : छत्तीसगढ़ में सीजीपीएससी के रिजल्ट को लेकर सत्ता और विपक्ष में जुबानी जंग देखने को मिल रही है.आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ पीएससी का फाइनल रिजल्ट आने के बाद कई ऐसे नाम सामने आए,जो छत्तीसगढ़ शासन में अपनी सेवाएं दे रहे अफसरों के रिश्तेदार थे.इन नामों के सिलेक्शन और उन्हें नंबर देने के प्रोसेस पर कई अभ्यर्थियों ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी.जिसमें जो जानकारी आई वो चौंकाने वाली थी.जिस वजहों से कई अभ्यर्थियों को रिजेक्ट किया गया था.उन चीजों के लिए सेलेक्ट हो चुके अभ्यर्थियों पर लागू नहीं किया गया.जिसके बाद सीजीपीएससी के खिलाफ युवाओं ने मोर्चा खोला.
बीजेपी ने सीजीपीएससी को बनाया सियासी मुद्दा :युवाओं का साथ देने के लिए बीजेपी सामने आई और कांग्रेस सरकार के खिलाफ प्रदेश स्तर पर प्रदर्शन करना शुरु किया.वहीं जब पीएम मोदी का दौरा हुआ तो पीएससी घोटाले का मुद्दा भी प्रधानमंत्री उठाया. पीएम मोदी ने इसे नौजवानों के साथ हुआ अन्याय बताते हुए,बीजेपी सरकार बनने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिलाया.इस पूरे मामले में पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने सीबीआई जांच की मांग उठाई है.
बीजेपी ने की सीबीआई जांच की मांग :छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर सीजीपीएससी में हुई धांधली की सीबीआई जांच कराने की मांग की है. डॉ रमन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए पीएम मोदी को लिखे गए खत को साझा किया है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि दाऊ@bhupeshbaghel की सरकार ने छत्तीसगढ़ में सीजीपीएसी जैसी संवैधानिक संस्थान को भी भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया है. प्रदेश के युवाओं को न्याय दिलवाने और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करवाने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.जिसमें पूर्व सीएम ने अधिक अंक पाने वाले को बाहर और कम अंक पाने वाले के चयन समेत अफसरों के रिश्तेदारों के चयन पर सवाल उठाया है.
सीएम भूपेश जांच कराने को हैं राजी,बशर्ते :वहीं कांग्रेस पीएम मोदी के आरोपों के बाद पीएससी घोटालों की जांच कराने के लिए राजी हुई.इस बारे में सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि अधिकारी के घर से ताल्लुक रखना कोई दोष नहीं है, लेकिन अगर कोई इसका अनुचित लाभ उठाता है तो गलत है.अभी तक इस मामले में किसी की भी शिकायत सामने नहीं आई है. सीएम भूपेश माना कि यदि किसी भी अभ्यर्थी ने मेहनत की और उसका परिणाम उसे नहीं मिला तो दोषियों पर कार्रवाई होगी.क्योकि किसी का अधिकार छीनने का हक किसी के पास नहीं है.