रायपुर: छत्तीसगढ़ में लोक सेवा आयोग द्वारा जारी सीजीपीएससी 2021 के रिजल्ट को लेकर सियासत जारी है. सीजीपीएससी द्वारा जारी की गई मेरिट लिस्ट को लेकर कई तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं. सीजीपीएससी पर आरोप है कि जारी की गई मेरिट लिस्ट में ज्यादातर सिलेक्शन होने वाले अभ्यर्थियों का संबंध अधिकरियों, नेताओं और उद्योगपतियों से है. भाजपा के इस आरोप को लेकर छत्तीसगढ़ में लगातार सियासी पारा गरमाया हुआ है.
"स्टूडेंट दिन-रात पढ़ाई करते हैं और सपना देखते हैं कि वे अपना एवं समाज का नाम रौशन करेंगे, समाज के लिए कुछ करेंगे. ऐसे कई लोगों के सपने टूटे हैं और उनके मन में गहरी निराशा है. पूरे प्रदेश में इस बात की चर्चा है कि चयन सूची जारी हुई है, उसमें धांधली हुई है. उसका आधार यह है कि जो अधिकतर चयनित अभ्यर्थी हैं, वे या तो किसी अधिकारी के रिश्तेदार हैं या किसी नेता के रिश्तेदार हैं."- अमित चिमनानी, मीडिया प्रभारी, भाजपा
सीजीपीएससी रिजल्ट मामले पर जांच की मांग: भाजपा मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने रिजल्ट पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि " एक आम परिवार से आने वाला व्यक्ति पीएससी में चयनित नहीं हुआ है. इस संबंध में जांच करनी चाहिए. इससे पहले ऐसा नहीं हुआ कि हाई प्रोफाइल वाले पिता के बच्चे स्लेक्ट हुए हों. ऐसे में प्रदेश के युवाओं में जो निराशा है, सरकार को इसके लिए कोई रास्ता निकालना चाहिए, इस संबंध में जांच करनी चाहिए. किसी प्रकार की चयन में धांधली हुई है, तो उस पर कार्रवाई कर फिर से एग्जाम कराया जाना चाहिए. सरकार अगर खुद सवाल करती है और कोई कारवाई नहीं करती, तो यह माना जाएगा कि जो गड़बड़ी है, वह सत्य है."
"छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के दफ्तर से ही यह सारी चीजें संचालित होती है. इसलिए भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता पीएससी कार्यालय का घेराव करेंगे. युवाओ के लिए, उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए एक सांकेतिक प्रदर्शन करेंगे."- अमित चिमनानी, मीडिया प्रभारी, भाजपा
पूर्व चयनित अभ्यर्थियों की सूची कांग्रेस ने की जारी: मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को पत्रकार वार्ता किया. कांग्रेस ने भाजपा शासनकाल में कई नेताओं, अधिकारियों के बच्चों और रिश्तेदारों की सूची जारी की है, जिनका पीएससी में चयन हुआ था. कांग्रेस के मुताबिक, सूची जारी करने का मकसद सिर्फ ये है कि पहले भी प्रशासनिक अफसरों, नेताओं और व्यवसायियों के रिश्तेदारों का चयन पीएससी में होता रहा है. लेकिन किसी अभ्यर्थी का किसी नेता या अधिकारी का रिश्तेदार होना, उसकी अयोग्यता नहीं हो जाती है. कांग्रेस ने चयनित 21 हजार 420 अभ्यर्थियों की सूची भी दिखाई है.
CGPSC 2021 Result: मेरिट सूची को लेकर विवाद जारी, भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने
सीजीपीएससी 2021 के रिजल्ट को लेकर प्रदेश में सियासत जारी है. भाजपा द्वारा मेरिट लिस्ट में घोलमाल का आरोप लगाया गया है. मामले को लेकर भाजपा प्रदेश की भूपेश सरकार पर हमलावर रूख अख्तियार किये हुए है. आरोप है कि मेरिट लिस्ट में ज्यादातर सिलेक्शन होने वाले अभ्यर्थियों का संबंध अधिकरियो, नेताओं और उद्योगपतियों से है.गुरुवार को एबीवीपी ने भी इस संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन सौंपा है.
कांग्रेस का बीजेपी पर पलटवार:कांग्रेस ने पूर्व सीएम रमन सिंह पर आरोप लगाए हैं कि, "रमन सिंह के पिछले डेढ़ दशक का कार्यकाल में छत्तीसगढ़ व्यापम भ्रष्टाचार और अनियमितता का अड्डा बन चुका था. प्रदेश की जनता अभी भूली नहीं है. पीएमटी परीक्षा के प्रश्न पत्र 2011 में रमन राज के दौरान बाजारों में बिके थे. भाजपा नेता मुंगेली में पीएमटी परीक्षा में सामूहिक नकल करवाते पकड़ाया था. देश के किसी भी व्यवसायिक परीक्षा मंडल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि एक ही परीक्षा को एक साल में चार बार कराने की नौबत आयी हो. छत्तीसगढ़ में तो तीन बार परीक्षाएं उसी परीक्षा नियंत्रक के देख-रेख में आयोजित की गयी, जो प्रथम दृष्टया दो बार परीक्षा में गड़बड़ी के लिये दोषी था."
भाजपा कांग्रेस से ऊपर युवाओं का मसला: भाजपा प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी कहा "मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भाजपा को तथ्य प्रस्तुत करने कह रहे हैं. यह मामला भाजपा और कांग्रेस का नहीं है. गैर राजनीतिक मंचों से बहुत सी आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं. यह प्रदेश के युवाओं का सवाल है. मुख्यमंत्री जी आप सरकार चला रहे हैं. सारे कागजात, दस्तावेज, तथ्य आपके पास हैं. इसीलिए आरोप प्रत्यारोप की बजाए छत्तीसगढ़ के युवाओं की हताशा और आशंका को दूर करने के लिए तत्काल कदम उठाइये."
"छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के परीक्षा की चयन सूची घोषित होने के बाद प्रदेश के युवाओं में आशंका, संदेह और हताशा का माहौल है. पूरा छत्तीसगढ़ देख रहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर युवाओं के बीच किस तरह की चर्चाएं चल रही हैं. चयनित टॉप रैंकों के छात्रों में अधिकतर नेताओं एवं अधिकारियों के रिश्तेदार हैं. यह अनेक आशंकाओं को जन्म दे रहा है."- ओपी चौधरी, प्रदेश महामंत्री, भाजपा
सवालों के घेरे में अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं: ओपी चौधरी ने कहा "यह केवल एक परीक्षा की बात नहीं, पिछले साढ़े 4 साल में तरह तरह के सवाल साजापीएससी एग्जाम को लेकर उठे हैं. पीएससी द्वारा आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर की परीक्षा में एक युवा ने लिखित में आरोप लगाया था कि उसके पीछे वाला छात्र अब्सेंट था. लेकिन उसे इंटरव्यू के लिए बुला लिया गया था. इस मामले में पीएससी ने स्वयं को ही क्लीनचिट दे दिया था."
बहरहाल इस पूरे मामले में सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर सवाल खड़े कर रहे हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ के अभ्यर्थी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. युवाओं का गुस्सा सोशल मीडिया में देखा जा सकता है. युवा अपना आक्रोश सोशल मीडिया पर जमकर निकाल रहे हैं. सीजीपीएससी की कार्यप्रणाली पर भी अब सवाल खड़ा किया जा रहा है.