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महिला प्रत्याशियों को लेकर ऐसा रहा है बीजेपी-कांग्रेस का समीकरण, इस बार किसे सकता है टिकट

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Published : Mar 20, 2019, 10:33 AM IST

Updated : Mar 20, 2019, 11:41 AM IST

देश में इन दिनों लोकसभा चुनाव को लेकर कई तरह के राजनीतिक समीकरणों का दौर शुरू हो गया है. छत्तीसगढ़ में प्रदेश की 11 लोकसभा सीटों को लेकर भाजपा और कांग्रेस भी कई तरह के समीकरण लगा रही है.

लोकसभा चुनाव 2019

रायपुर: देश में इन दिनों लोकसभा चुनाव को लेकर कई तरह के राजनीतिक समीकरणों का दौर शुरू हो गया है. छत्तीसगढ़ में प्रदेश की 11 लोकसभा सीटों को लेकर भाजपा और कांग्रेस भी कई तरह के समीकरण लगा रही है. देश की राजनीति में महिला आरक्षण की बात करने वाली बड़ी पार्टियां ही छत्तीसगढ़ में महिला प्रत्याशियों को मैदान पर उतारने में लोकसभा चुनाव में परहेज करती रही हैं.

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एक दिलचस्प बात है कि प्रदेश की 11 में से 5 लोकसभा सीटों से अब तक भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने महिला प्रत्याशियों को नहीं उतारा है. छत्तीसगढ़ की वो 5 सीटें रायपुर, महासमुंद, सरगुजा, राजनांदगांव और बस्तर हैं, जिन सीटों पर अब तक महिला प्रत्याशियों को उतारने की जहमत भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां नहीं कर पाई हैं.


कांग्रेस की टिकट से अब तक एक भी महिला नहीं बनीं सांसद
कांग्रेस की टिकट से अब तक एक भी महिला सांसद नहीं बन पाई है. भाजपा ने महिला प्रत्याशी कम उतारे, लेकिन उसकी सीट की टिकट ने दो महिलाओं को संसद तक पहुंचाया. लोकसभा चुनाव का इतिहास जो भी रहा हो, लेकिन भाजपा और कांग्रेस की अलग-अलग बात की जाए, तो भाजपा ने रायपुर, महासमुंद, सरगुजा राजनांदगांव, बस्तर के अलावा कांकेर और रायगढ़ लोकसभा सीट से अब तक महिला को प्रत्याशी नहीं बनाया है.


बीजेपी की ओर से इन महिला प्रत्याशियों ने दिखाया दमखम

  • साल 1998 से 2014 तक हुए 5 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 3 महिलाओं को दो-दो बार टिकट दिया. इसमें कमला देवी पाटले, सरोज पांडे और करुणा शुक्ला का नाम शामिल है.
  • कमला देवी पाटले जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट से 2009 और 2014 में सांसद चुनी गईं.
  • सरोज पांडेय 2009 में तो दुर्ग से सांसद बनी, लेकिन साल 2014 में इसी सीट से हार गईं.
  • करुणा शुक्ला साल 2004 में जांजगीर-चांपा सीट से चुनाव जीती थीं, 2009 में भाजपा ने उन्हें कोरबा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाया था, जिसमें वे हार गईं.


कांग्रेस ने इन महिला प्रत्याशियों को दिया था मौका

  • वहीं कांग्रेस ने 1998 से 2014 तक हुए लोकसभा चुनाव में 8 महिलाओं को प्रत्याशी बनाया था. इसमें केवल एक नेत्री फुलोदेवी नेताम ऐसी हैं, जिन्हें दो बार टिकट मिली.
  • कांकेर लोकसभा सीट से फूलोदेवी नेताम को 2009 और 2014 में चुनाव लड़ाया गया, दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
  • फूलो देवी नेताम के पहले कांकेर लोकसभा सीट से 1999 में छबीला नेताम, 2004 में गंगा पोटाई ने भी चुनाव लड़ा था.
  • रायगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस ने 1999 में पुष्पादेवी सिंह और 2014 में आरती सिंह को प्रत्याशी बनाया था.
  • बिलासपुर लोकसभा सीट से 1998 में कन्याकुमारी एलियंस, 2009 में रेणु जोगी ने कांग्रेसी टिकट से चुनाव लड़ा था. इसी सीट से भाजपा छोड़ने वाली पूर्व सांसद करुणा शुक्ला को कांग्रेस ने 2014 में टिकट दिया था.

इस मामले में प्रदेश प्रवक्ता भाजपा सच्चिदानंद उपासने ने कहा है कि महिलाएं समाज में नेतृत्व की क्षमता से ही लोकसभा और देश की संसद तक पहुंची हैं. इसके लिए भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की दो महिलाओं को संसद तक पहुंचाया है और आगे भी महिलाओं का नेतृत्व जरूर मिलेगा.


प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता, घनश्याम तिवारी ने ये दावा किया है कि लगातार महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए ही कई सीटों पर महिला उम्मीदवारों को मैदान पर कांग्रेस उतार रही है. ये बात अलग है कि कुछ सीटों पर कई समीकरणों के चलते महिलाएं अब तक मैदान में नहीं आई हैं, लेकिन कांग्रेस की मानसिकता ऐसी नहीं है कि महिलाओं को नेतृत्व न मिले.


प्रदेश में कांकेर लोकसभा ही एकमात्र ऐसी सीट है, जहां से कांग्रेसी पिछले 4 लोकसभा चुनाव में महिला प्रत्याशी उतार रही है, हालांकि हर बार पार्टी को ये सीट गंवानी भी पड़ी है.

लोकसभा चुनावों में महिलाओं को दिया गया टिकट

चुनाव भाजपा कांग्रेस

1998 0 1

1999 0 2

2004 1 1

2009 3 2

2014 2 3

ऐसे हालात में एक बार फिर से लोकसभा चुनाव को लेकर मैदान पूरी तरह से तैयार हो रहा है और इस बार उम्मीद की जा रही है कि कई सीटों पर महिला उम्मीदवारों को उतारा जाएगा.

Last Updated : Mar 20, 2019, 11:41 AM IST

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