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'पूंजीपतियों का साथ दे रही केंद्र सरकार, विशेष सत्र बुलाकर काला कृषि कानून वापस लें' - agriculture laws for capitalist

कृषि कानून को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र में बैठी भाजपा सरकार को विशेष सत्र बुलाकर पूरे देश के किसानों से माफी मांगते हुए यह काला कानून वापस लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता दोगले हैं.

Chief Minister Bhupesh Baghel's press conference
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का प्रेस कांफ्रेस

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Published : Dec 8, 2020, 4:39 PM IST

Updated : Dec 8, 2020, 7:13 PM IST

रायपुर: कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने समर्थन दिया. पार्टी के नेता, कार्यकर्ता सड़क पर उतरे और लोगों से किसान आंदोलन का समर्थन करने की अपील की. छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर भाजपा पर जमकर निशाना भी साधा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा झूठ बोलने की फैक्ट्री है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के पूंजीपति साथी नाराज हो जाएंगे इसलिए इस कानून को लौटाया नहीं जा रहा है.

सीएम भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र में बैठी भाजपा सरकार को विशेष सत्र बुलाकर पूरे देश के किसानों से माफी मांगते हुए यह काला कानून वापस लेना चाहिए. सीएम बघेल ने कहा कि दिल्ली में बैठी भाजपा की सरकार पूंजीपतियों की सरकार है. पहले अंग्रेज देश को लूट रहे थे लेकिन अब दिल्ली में बैठे भाजपा के पूंजीपति, देश के किसानों को लूटने का काम कर रहे हैं.

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बड़ी बातें-

  • कांग्रेस पार्टी ने अखिल भारतीय स्तर पर किसान का साथ दिया है.
  • हमने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर मंडी अधिनियम में जो अपने किसानों के लिए संशोधन कर सकते थे, वह किया.
  • भारतीय जनता पार्टी के नेता दोगले हैं. काम करना कांग्रेस पार्टी को आता है. कांग्रेस के लोग अनुभवी हैं, उन्हें बताने की जरूरत नहीं है.
  • बिहार में 800, 500 रुपए प्रति क्विंटल धान बिक रहा है. पड़ोसी राज्यों में भी यही स्थिति है. जो कानून आप बनाने जा रहे हैं, पहले से बिहार में लागू है और आज सबसे ज्यादा बुरी स्थिति किसानों की बिहार में ही है.
  • छत्तीसगढ़ में किसानों को मक्के का समर्थन मूल्य और गन्ने मूल्य का समर्थन मूल्य मिल रहा है.
  • हमने इस साल 23 सौ से अधिक धान खरीदी केंद्र बनाए हैं. जब इतनी अच्छी व्यवस्था छत्तीसगढ़ में की जा सकती है तो केंद्र के द्वारा क्यों नहीं की जा सकती है.
  • पूरा देश मंदी के दौर से गुजर रहा है लेकिन छत्तीसगढ़ में मंदी का कोई असर नहीं है.
  • किसानों से बार-बार बात करते समय नहीं बर्बाद करना चाहिए. हां या ना में बात करें.
  • जैसे प्रदेश की चिटफंड कंपनी ने लोगों को लूटा, वही स्थिति इस कानून के बाद भी होगी.

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Last Updated : Dec 8, 2020, 7:13 PM IST

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