रायपुर:इलाहाबाद हाईकोर्ट (allahabad high courts) ने गाय को लेकर बेहद टिप्पणी करते हुए कहा है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर दिया जाए. हमने इस टिप्पणी को लेकर छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास (Mahant Ramsundar Das) से बात की उनसे इस पर प्रतिक्रिया ली. उन्होंने इसको लेकर हाईकोर्ट को धन्यवाद दिया है. साथ ही केन्द्र सरकार से भी कुछ मांग की है...पढ़िए रिपोर्ट.
छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास के साथ एक्सलूसिव सवाल: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करनी चाहिए इस टिप्पणी को आप किस तरह देखते हैं ?
महंत रामसुंदर दास:मैं उन्हें धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने हमारी गौ माता को लेकर इतने अच्छे विचार व्यक्त किए हैं. हमारी संस्कृति में गायों को मां का दर्जा दिया गया है. वो संसार में पाए जाने वाले सभी जीवों की माता है. इसलिए केन्द्र सरकार जल्द से जल्द हाईकोर्ट की टिप्पणी को लागू कराए. मैं इस टिप्पणी पर विनम्र आग्रह ये भी करता हूं कि गाय का जो सम्मान है, उसे देखते हुए पशु का दर्जा न दिया जाए. ये हमारी सांस्कृतिक पहचान है.
सवाल: छत्तीसगढ़ में गौ सेवा आयोग द्वारा गायों के लिए किस योजना संचालित की जा रही है.
महंत रामसुंदर दास:हमारा छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान है. यहां शुरू से ही किसान भाई गौधन आधारित कृषि होती आई है. हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसमें नवाचार लाया है, जिसके तहत गांव गांव में गौठान बनाया गया है. इसके साथ ही विश्व में अपने तरह की अनूठी योजना गौधन न्याय योजना के नाम पर चल रही है. इसके तहत दो रुपये किलो की दर पर गोबर की खरीदी हो रही है. इससे ग्रामीणों को पशुपालकों को इससे खासा लाभ हो रहा है. इसके अलावा प्रदेश में कई जगहों पर गौ अभ्यारण्य बनाने की योजना बनाई जा रही है.
सवाल:गाय के नाम पर सियासत भी जमकर होती है. आप क्या मामते हैं गाय सियासत का विषय है या आस्था का.
महंत रामसुंदर दास:गाय हमारे लिए संस्कृति आस्था और समृद्धि की निशानी है. हम सब गौ माता की जय बोलते हैं. इसलिए इस पर राजनीति बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए. गायों का संवर्धन तभी होगा जब हम इसे हृदय से मां समझेंगे. इसलिए हर परिवार को कम से कम दो गाय जरूर पालना चाहिए.
एक सितंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने की थी ये टिप्पणी
बता दें कि एक सितंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि गाय को सिर्फ धार्मिक नजरिए से नहीं देखना चाहिए. संस्कृति की रक्षा हर नागरिक को करनी चाहिए. कोर्ट ने टिप्पणी की कि गाय को राष्ट्रीय पशु का दर्जा दिया जाना चाहिए और इसके लिए संसद में बिल लाना चाहिए. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि गाय की पूजा होगी, तभी देश समृद्ध होगा. बता दें कि बुधवार को जावेद नाम के शख्स की याचिका को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने ये गंभीर टिप्पणी की है. जावेद पर गोहत्या रोकथाम अधिनियम की धारा 3, 5 और 8 के तहत केस दर्ज है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि गोरक्षा सिर्फ किसी एक धर्म की जिम्मेदारी नहीं है. गाय इस देश की संस्कृति है और इसकी सुरक्षा करना सभी की जिम्मेदारी है.