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केंद्र ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना का मांगा ब्योरा, सियासी हलचल तेज

देशभर में केंद्र सरकार की ओर से लाए गए केंद्रीय कृषि कानून के विरोध में किसान उग्र आंदोलन कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से किसानों के लिए समर्थन मूल्य पर की जा रही धान खरीदी को लेकर किसानों में उत्साह का माहौल है. यही वजह है कि अब छत्तीसगढ़ की राजीव गांधी किसान न्याय योजना को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने भी रुझान दिखाया है. केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना का ब्योरा मांगा है.

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रविंद्र चौबे

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Published : Dec 15, 2020, 9:18 PM IST

रायपुर : देश के कई राज्यों के किसान अपनी फसल का उचित दाम नहीं मिलने और कई मांगों को लेकर उग्र आंदोलन कर रहे हैं. वहीं छत्तीसगढ़ के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान बेचने में जुटे हैं. राज्य सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना के चलते छत्तीसगढ़ के किसानों को धान का 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से समर्थन मूल्य दिया जा रहा है. देश के तमाम राज्यों में से छत्तीसगढ़ में धान का सबसे ज्यादा मूल्य है. केंद्र सरकार की मनाही के बाद भी राज्य सरकार राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से किसानों को समर्थन मूल्य की अंतर की राशि दे रही है. केंद्रीय कृषि कानून का प्रदेश के किसानों पर कोई असर न हो, इसके लिए राज्य सरकार ने मंडी एक्ट में संशोधन भी किया है.

केंद्र ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना का मांगा ब्योरा


क्या है राजीव गांधी किसान न्याय योजना?

केंद्र सरकार ने धान के समर्थन मूल्य के लिए पहले से ही दर तय कर दिए हैं. ऐसे में धान के लिए 1868 रुपए का दाम तय है. राज्य सरकार ने किसानों के लिए 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी करने का वादा अपने घोषणा पत्र में किया था. केंद्र के एमएसपी और राज्य के एमएसपी के अंतर की राशि के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने बीच का रास्ता निकालते हुए राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरुआत की. इसके माध्यम से किसानों को चार किस्तों में अंतर की राशि दी जा रही है.

पढ़ें :राजीव गांधी न्याय योजना के भुगतान में दिक्कतें, ठंड में भी रात को बैंक के बाहर किसानों की लग रही लंबी लाइन

90 लाख टन धान खरीदी का लक्ष्य

छत्तीसगढ़ में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरुआत वैसे तो 1 नवंबर से होती रही है. लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने 1 दिसंबर से धान खरीदी की शुरुआत की. अबतक प्रदेश में करीब 90 लाख टन की धान की आवक हो चुकी है. 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से की जा रही धान की खरीदी के कारण इस साल ढाई लाख से ज्यादा नए किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है.

ड्रॉफ्ट मांगने के बाद सियासी हलचल तेज
छत्तीसगढ़ में सत्ता और सरकार बदलने के साथ ही प्रदेश में किसानों को धान का समर्थन मूल्य देने को लेकर राजनीति जोरों पर है. विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी ने लगातार धान के समर्थन मूल्य में लेटलतीफी को लेकर सरकार को घेरा है. ऐसे में कांग्रेस ने किसानों से किए अपने वादे को निभाने के लिए हमेशा से किसानों के साथ और उनसे किया वादा निभाने की बात की है.

कांग्रेस के लिए 2500 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य देने का वादा गले की फांस बना हुआ है. ऐसे में कांग्रेस सरकार ने बीच का रास्ता निकालते हुए किसानों को 2500 समर्थन मूल्य देने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरुआत की है. इससे बीच के अंतर की राशि किसानों को इस योजना के माध्यम से दी जा रही है. यह राशि किस्तों में जारी की जा रही है.

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