रायपुर:जियें तो अपने बगीचे में गुलमोहर के तले, मरें तो गैर की गलियों में गुलमोहर के लिये...कवि दुष्यंत कुमार की यह पंक्तियां गुलमोहर की खूबसूरती और यह वृक्ष कितना प्रासंगिक है इसे बयां करने के लिए काफी है. रायपुर शहर की खूबसूरती में चटक रंग के फूलों वाले गुलमोहर का बड़ा योगदान है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से इस पेड़ पर एक अनजान सी बीमारी ने हमला कर दिया है. यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि यह बड़े गुलमोहर के वृक्ष को 1 से 2 दिन के भीतर पत्ता रहित कर देती है. इसको लेकर कई लोगों को चिंता सताने लगी है. लोग इस बारे में नगर निगम को शिकायत तो कर ही रहे हैं, साथ ही वनस्पति शास्त्र के जानकारों से भी इसके बारे में पूछ रहे हैं.
इस मामले में ETV भारत ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक गजेंद्र चंद्राकर से बातचीत की. उन्होंने बताया कि सबसे पहले ऐसी जानकारी जांजगीर-चांपा जिले से सामने आई थी. उसके बाद अभनपुर और अब रायपुर में इसकी सूचना मिली है. उन्होंने बताया कि गुलमोहर के वृक्ष का साइंटिफिक नाम रॉयल फाइंसियाना है. इसमें जो कीट लगे हैं फाइंसियान सेमीलूपर है और आद्रता (नमी) वाले मौसम में इसका आक्रमण ज्यादा होता है. यह कीड़ा गुलमोहर की पत्ती के लीफ ब्रेल्ड में अंडा देती है. उसके बाद अंडे से 48 से 72 घण्टे में कैटरपिलर बाहर निकलते हैं. वह इल्लियां गुलमोहर के पत्तों को तेजी से खान शुरू करते हैं और पूरे वृक्ष को पत्ती रहित कर देते हैं. गजेंद्र चंद्राकर ने कहा कि यदि मौसम बदलता है तो इसका आक्रमण कम होने की संभावना है.