रायपुर:राजधानी रायपुर में वायरल हो रहे वीडयो पर नगर निगम अपर आयुक्त का कहना है कि सोशल मीडिया में लोग गलत खबरों को वायरल कर देते हैं. जिस वजह से कार्रवाई की गई है. रायपुर के विधानसभा क्षेत्र में श्मशान घाट में कोरोना मरीज के अधजले शव को लेकर भ्रांतियां फैलाई गई थी. जिस पर दो युवकों पर केस दर्ज किया गया है. नगर निगम अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य ने कहा कि वीडियो में बताया जा रहा कि श्मशान घाट में सही तरीके से व्यवस्था नहीं की जा रही है. इस वीडियो की जांच कराई गई. पहले फील्ड वेरिफिकेशन कराया गया. सभी चीजें गलत पाई गई.
रायपुर में कोरोना मृतकों के अंतिम संस्कार में लापरवाही नगर निगम ने वीडियो को बताया फर्जी
नगर निगम आयुक्त ने कहा कि जब कोरोना संक्रमित शव का अंतिम संस्कार खत्म होता है, उस जगह को साफ कराया जाता है. डेड बॉडी को बैग पैक के साथ भेजा जाता है. लेकिन वायरल वीडियो में साड़ियां दिखाई दे रही है. ऐसी स्थिति में किसी प्रकार के कपड़े का बचा होना इस बात की पुष्टि करता है कि यह सब षड्यंत्र है. हालांकि इस इलाके के लोगों का कहना है कि यहां कोरोना संक्रमित डेड बॉडी का अंतिम संस्कार ना किया जाए. लेकिन कलेक्टर का आदेश है की रायपुर के सभी श्मशान घाट में कोरोना प्रोटोकॉल के साथ अंतिम संस्कार होना है.
युवकों ने की थी अफसरों से शिकायत
राजधानी रायपुर में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. बताया जा रहा है कि यह वीडियो रायपुर के विधानसभा थाना क्षेत्र का है. जहां कुत्ते श्मशान घाट में अधजली लाश को खाते हुए दिख रहे हैं. जिसे लेकर इलाके के एक युवक ने कलेक्टर और नगर निगम के अफसरों से शिकायत की है. इसपर कार्रवाई करने के बजाये विधानसभा पुलिस ने दो युवकों पर एफआईआर दर्ज कर दी गई है. निगम के अफसरों का दावा है कि वीडियो किसी और जगह का है, युवक गलत जानकारी फैला रहे हैं.
रायपुर: कोरोना मरीज ने अस्पताल के दूसरे फ्लोर से कूदकर की आत्महत्या
वहीं इलाके के लोगों का कहना है कि यहां पर कोरोना मरीजों का शव जलाया जाता है. जो लाश पूरी तरह जल नहीं पाती, उन अधजली लाशों के टुकड़े को कुत्ते खाते रहते हैं. इलाके के लोगों का कहना है कि कभी कहीं हाथ पड़ा मिलता है, कभी पैर तो कही खोपड़ी पड़ी मिलती है. निगम के लोगों का हमने बताया तो वे ध्यान नहीं दे रहे हैं.
शिकायत करने पर युवक पर ही मामला दर्ज
इस मामले में इलाके के अजय नाम के युवक ने कलेक्टर और नगर निगम के अफसरों के नाम एक शिकायत आवेदन बनाया था. अजय का कहना है कि इस बार अफसर मुझ पर नाराज हो गए और उल्टा मेरे ऊपर ही केस दर्ज करवा दिया है. जबकि बस्ती के लोग परेशान हैं.