रायपुर:नक्सलियों के खात्मे के लिए बस्तर में ओडिशा के तीन हजार जवानों को उतारा जाएगा. सीएपीएफ के ये जवान बस्तर में नक्सलियों के खात्मे के लिए जंगलों की खाक छानेंगे. एक्सपर्ट ट्रेनिंग और हाइटेक हथियारों से लैस ये जवान जल्द ही बस्तर में अपनी ड्यूटी संभाल लेंगे. समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक बीएसएफ की तीन बटालियन ओडिशा की सीमा पार छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में कूच करेंगी. सभी जवानों को बस्तर में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान में शामिल किया जाएगा. सूत्रों की मानें तो बीएसएफ को नारायणपुर जिले में 6 नए ऑपरेटिंग बेस तैयार करने को भी कहा गया है. ओडिशा से आने वाली पहली बटालियन मलकानगिरी से एंट्री करेगी. नारायणपुर जिला 4000 किमी में फैला है नारायणपुर को नक्सलियों का गढ़ भी माना जाता है.
बस्तर में हाईटेक हथियारों से लैस जवान करेंगे नक्सलियों का सफाया, ओडिशा से आएंगे 3000 जवान - नक्सलियों का सफाया
CAPF troops बस्तर से नक्सलियों के खात्मे के लिए ओडिशा से छत्तीसगढ़ में एंट्री करेंगे 3000 जवान. इस बात का फैसला केंद्र सरकार ने लिया है.Odisha to Chhattisgarh, end naxalism

By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Dec 31, 2023, 6:30 PM IST
सुरक्षा अधिकारियों ने नक्सलियों को चेताया:अधिकारियों का कहना है कि बीएएसएफ और आईटीबीपी के दो और बटालियनों को जल्द ही दक्षिण बस्तर में भेजा जाएगा. जवान दक्षिण बस्तर में चल रहे विकास के काम की सुरक्षा करेंगे और गांव वालों के बीच अपनी पैठ भी बढ़ाएंगे. वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि माओवादियों के नेटवर्क ध्वस्त होने से वो कमजोर हो गए हैं. कोशिश है कि हम अपना नेटवर्क और विकास दोनों इलाके में तेज करें. सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक नक्सली वर्तमान में मलकानगिरी, कोरापुट और कंधमाल जिलों में आने जाने के लिए बस्तर के गलियारे का इस्तेमाल कर रहे हैं. अफसरों का मानना है कि इसी गलियारे को हमें बंद करने के लिए फारवर्ड ऑपरेटिंग बेस तैयार करना होगा.
बीएसएफ स्थापना दिवस पर अमित शाह ने क्या कहा था?: बीएसएफ के स्थापना दिवस पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बताया था कि नक्सली वारदातों में 52 फीसदी की कमी आई है. नक्सली वारदातों में होने वाली मौतों के आकड़ों में भी 70 फीसदी की कमी है. नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या भी 96 से घटकर 45 तक पहुंच गई है. शाह ने कहा था कि वामपंथी हिंसा अब अपने अंतिम चरण पर है. जल्द ही माओवाद का खात्म हो जाएगा. सोर्स (भाषा)