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SPECIAL: बसों को अब भी सवारियों का इंतजार, सुनसान पड़े बस स्टैंड - not getting a ride

छत्तीसगढ़ में कोरोना काल के बीच धीरे-धीरे हालात सुधर रहे हैं. जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है, लेकिन बसों पर अभी भी कोरोना का ब्रेक लगा हुआ है. प्रदेश में सिर्फ 35 फीसदी बसें सड़कों पर दौड़ रही हैं. त्योहारी सीजन में बस संचालकों को यात्रियों के बढ़ने की उम्मीद थी, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी है. बिना सवारी बसें सड़कों पर दौड़ रही हैं.

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बस सवारियों का कर रही आज भी इंतजार

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Published : Nov 16, 2020, 7:54 PM IST

रायपुर:छत्तीसगढ़ मेंअनलॉक-5 में जहां जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौट आई है. वहीं अभी भी रायपुर से चलने वाली बसों का संचालन पूरी तरह शुरू नहीं हो पाया है. अभी भी प्रदेश में सिर्फ 35 प्रतिशत बसें ही चल रही हैं. अनलॉक में 1 सितंबर से बसों का संचालन शुरू हुआ था. प्रदेश में शुरुआती दिनों में सिर्फ 5 प्रतिशत से 10 प्रतिशत बसें ही सभी रूटों पर चलनी शुरू हुई. वहीं बस संचालकों को उम्मीद थी कि त्योहारी सीजन आने पर यात्रियों की संख्या बढ़ेगी. लेकिन त्योहार में बस संचालकों को निराशा हाथ लगी है. बिना सवारी बसें सड़कों पर दौड़ रही हैं. कम यात्रियों के चलते अभी 35 से 40 प्रतिशत बसें ही रायपुर से सभी रूटों पर चल रही हैं.

रायपुर में बसों को अब भी सवारियों का इंतजार
रायपुर से चलने वाली बस सेवा की स्थिति
  • रायपुर से जगदलपुर कोविड-19 के पहले 75 - अभी 20 बसें चल रही हैं.
  • रायपुर से अंबिकापुर कोविड-19 के पहले 25 - अभी 10 बसें चल रही हैं.
  • रायपुर से संबलपुर कोविड-19 के पहले 20 - अभी 5 बसें चल रही हैं.
  • रायपुर से सराईपाली कोविड-19 के पहले 70- अभी 20 बसें चल रही हैं.
  • रायपुर से बिलासपुर कोविड-19 के पहले 60- अभी 22 बसें चल रही हैं.
  • रायपुर से सरसींवा कोविड-19 के पहले15- अभी 12 बसें चल रही हैं.
  • रायपुर से धमतरी कोविड-19 के पहले 100- अभी 10 बसें चल रही हैं.
  • रायपुर से कवर्धा कोविड-19 के पहले 60- अभी बसें चल रही हैं.
  • रायपुर से बलोदा बाजार कोविड-19 के पहले 85- अभी 17 बसें चल रही हैं.
  • रायपुर से महासुमन्द्र कोविड-19 के पहले 60 - अभी 8 बसें चल रही हैं.

कोरोना और लॉकडाउन ने बिगाड़ी बस सेवा की स्थिति
मार्च में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार ने 25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई थी, जिसके बाद ट्रेन, बस, फ्लाइट सेवा पूरी तरह बंद कर दी गई थी. उसके बाद 12 मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेन, 25 मई से फ्लाइट सेवा शुरू की गई, अनलॉक में जारी निर्देशों पर प्रदेश में बस सेवा 1 सितंबर से शुरू की गई, जिसके बाद यात्री न मिलने से परेशान बस संचालकों ने रूटों पर कम बस चलाने लगे हैं. त्योहारी सीजन आने के बाद भी अभी स्थिति पहले की तरह सामान्य नहीं हो पाई हैं.

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यात्री नहीं मिलने से बस संचालक परेशान

त्योहारी सीजन शुरू होने के बावजूद सभी रूटों पर लगभग 25 से 30 परसेंट बसे ही संचालित हो रही है. इसका प्रमुख कारण यात्री नहीं मिलना भी है. कोविड-19 संक्रमण के नियमों का पालन करते हुए बस संचालक बसें तो चला रहे हैं, लेकिन यात्रियों के नहीं मिलने के कारण उनका डीजल खर्च तक नहीं निकल पा रहा है. इस कारण से आधे से ज्यादा बसें बस डिपो पर ही खड़ी हैं. प्रदेश में करीब 3 हजार बसें चलती हैं, जिसमें से फिलहाल 35 से 40 प्रतिशत बसें ही चल रही हैं. मतलब प्रदेश में 1 हजार से 1200 बसें ही चल रही हैं. इसमें भी ज्यादाकर बसें लंबी दूरी की हैं. आसपास के जिलों में बसों को चलाना मुश्किल होता जा रहा है.

रायपुर बस स्टैंड से 23 से 25 रूटों पर चल रही बसें

वहीं बस संघ के संरक्षक प्रमोद दुबे ने बताया कि राजधानी रायपुर के बस स्टैंड से 23 से 25 मार्गों के लिए बसें चल रही हैं. आज की स्थिति की बात की जाए तो केवल 40 प्रतिशक बसों का संचालन किया जा रहा है. कोरोना का भय अभी भी लोगों में बरकरार है, जिसके कारण सवारी बसों तक नहीं आ पा रहे हैं. जिस वजह से सिर्फ 40 प्रतिशत बसों का ही संचालन किया जा रहा है. वहीं बसों में कोरोना सेफ्टी गाइडलाइंस का पालन किया जा रहा है. मास्क पहनकर ही यात्रियों को बसों में बैठाया जा रहा है. बसों में सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया जा रहा है. बस की कैपेसिटी के हिसाब से आधे यात्रियों को बस में बैठा जा रहा है.

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बसों में यात्री खुद नहीं रख रहे अपनी सेहत का ख्याल

बस ड्राइवर शिवकुमार भारती ने बताया कि यात्रियों को बिना मास्क के बस में नहीं बैठने देते हैं. इसके साथ ही उनके हाथों को सैनिटाइज कराया जाता है. सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा जाता है, लेकिन जैसे ही बस सिटी से बाहर निकलती है. यात्री अपना मास्क निकाल देते हैं. ड्राइवर और कंडक्टर उन्हें मास्क पहनने के लिए कहते हैं, तो यात्री दम घुटने का बहाना बता देते हैं. इस कारण से वह मास्क निकाल लेते हैं. यात्रियों को मना करने के बाद भी यात्री मास्क निकालकर रखते हैं.

हम सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का रख रहे ख्याल: यात्री

वहीं यात्रियों ने बताया कि वह बस में बैठते समय सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजर का ख्याल रखते हैं. मास्क पहनकर ही बस में बैठते हैं. कुछ ऐसे यात्री हैं, जो बस सिटी के बाहर जाते ही अपना मास्क निकाल लेते हैं. आसपास के लोग अगर उन्हें मास्क पहनने के लिए भी समझाते हैं, तो भी वो नहीं समझते. मास्क निकालकर पॉकेट में रख लेते हैं. साथ ही लगातार संक्रमण का स्तर अभी भी बढ़ रहा है. बावजूद इसके यात्री खुद जिम्मेदार नहीं हैं. लापरवाही बरत रहे हैं.

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