छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

1 महीने से यात्री बसों के पहिए थमे, बस कर्मचारियों के साथ मालिकों की माली हालत खराब

छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन के दौरान बस संचालकों को लगभग 100 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान है. शादी ब्याह के सीजन में यात्री बसों के पहिए थम गए. जिसकी वजह से बस मालिकों के साथ-साथ ड्राइवर, कंडक्टर और हेल्पर्स आर्थित तंगी से जूझ रहे हैं.

Bus Drivers And Conductors facing Financial problem
बस कर्मचारियों के साथ मालिकों की माली हालत खराब

By

Published : May 15, 2021, 10:44 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में भी कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने पिछले 1 महीने से लॉकडाउन लगा हुआ है. इस लॉकडाउन ने हर वर्ग के लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है. बस संचालकों से लेकर बस के ड्राइवर,कंडक्टर, मुंशी और हेल्पर्स की आर्थिक स्थिति बिगड़ चुकी है. ने जैसे-तैसे अपना परिवार पाल रहे हैं. अब इनके सामने भूखों मरने की नौबत आ गई है.

1 महीने से यात्री बसों के पहिए थमे, बस कर्मचारियों के साथ मालिकों की माली हालत खराब

छत्तीसगढ़ में लगभग 15,000 बसें संचालित होती है. इन बसों में काम करने वाले लोगों की संख्या लगभग 52 हजार है. इस 1 महीने के लॉकडाउन के दौरान बस मालिकों को लगभग 100 करोड़ रुपये का नुकसान सहना पड़ा है. बस में काम करने वाले ड्राइवर, कंडक्टर, हेल्पर, मुंशी और क्लीनर को शासन-प्रशासन या फिर बस मालिकों की तरफ से कोई राशि या आर्थिक मदद भी नहीं मिल पाई है. जिसके कारण इन लोगों में आक्रोश भी देखा जा रहा है.

लॉकडाउन में जरूरतमंदों को भोजन मुहैया करा रहे 'मिशन कर्तव्य' के युवा

परिवहन मंत्री से मिला सिर्फ आश्वासन

राजधानी के पंडरी बस स्टैंड स्थित बस कर्मचारी कल्याण समिति के लोगों से जब ईटीवी भारत की टीम ने बात की तो इन कर्मचारियों का गुस्सा सरकार और बस संचालकों पर फूट पड़ा. कर्मचारियों का कहना है कि सरकार और बस संचालकों की ओर से इन्हें कोई राहत या मदद नहीं मिल रही है. जिसके कारण रोजी-रोटी चलाना भी अब मुश्किल हो गया है. परिवार चलाने के लिए अब इन लोगों को दूसरों से कर्ज लेना पड़ रहा है. परिवहन मंत्री से मिलकर गुजारा भत्ता की मांग की गई थी, लेकिन सिर्फ आश्वासन मिला.

घर चलाने बेचने पड़ रहे जेवरात

बस कर्मचारी कल्याण समिति का कहना है कि बस मालिक छत्तीसगढ़ के ड्राइवर और कंडक्टर को प्राथमिकता ना देकर दूसरे राज्य के ड्राइवर और कंडक्टर को बुलाकर अपनी बसों का संचालन कर रहे हैं. जिसके कारण छत्तीसगढ़ के ड्राइवर और कंडक्टर की स्थिति पहले से ज्यादा खराब हो गई है. हालात यह हो गए हैं कि परिवार पालने के लिए घर में रखें जेवरात भी बेचने पड़ रहे हैं.

छत्तीसगढ़ के 8 से ज्यादा जिलों में बढ़ा लॉकडाउन, जानिए कहां मिली कितनी छूट ?

बस मालिकों को भी नुकसान

लॉकडाउन की वजह से बसों के बंद होने से जहां एक ओर बस कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति खराब हुई है. वहीं दूसरी बस मालिकों की माली हालत भी कुछ ठीक नहीं है. यातायात महासंघ के महासचिव कमल पांदरे का कहना है कि लॉकडाउन में बस खड़ी है, नुकसान हो रहा है. यात्री नहीं मिलने के कारण भी नुकसान बस मालिकों को सहना पड़ रहा है. बस की किस्त भी चुका पाना बस मालिकों के लिए अब असंभव होता जा रहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details