रायपुर:मकान इंसान की मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है, लेकिन लगातार बढ़ती महंगाई rising inflation ने लोगों को उनकी मूलभूत आवश्यकताओं basic needs से भी दूर कर दिया है. बीते एक साल में ही जिस तेजी से बिल्डिंग मटेरियल की कीमतें increased prices of building materials बढ़ी है.
आम लोगों के लिए अपना घर का सपना अब सपने जैसा ही होते जा रहा है. आम आदमी से लेकर मध्यम आय वर्ग के लोगों के मकान बनाने के लिए सोचना पड़ रहा है. बात अगर बिल्डिंग मटेरियल building materials की करें तो सीमेंट छड़, रेत और ईंट के दाम पहले की तुलना में करीब-करीब दोगुना हो गया है. महज एक साल पहले एक हजार स्क्वायर फीट का मकान बनाने में करीब-करीब 7 लाख रुपए तक की लागत आ रही थी, जो आज बढ़कर करीब 10 से 15 लाख रुपए तक पहुंच गई है.
समने जैसा हो गया सपनों का महल
रायपुर में अपना मकान बनवा रहे कैलाश पांडेय बताते हैं, लॉकडाउन से पहले उन्होंने मकान बनाने का सपना देखा था और काम भी शुरू करा दिया था. मकान निर्माण का काम house construction शुरू होने के समय छड़ का दाम 4500 रुपये प्रति क्विंटल था, जो आज 6000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है. वहीं सीमेंट 240 रुपए प्रति बोरी मिल रहा था, जो आज बढ़कर 290 से 300 रुपये प्रति बोरी पहुंच गया है. इसके अलावा रेत भी पहले 10 से 12 रुपये प्रति स्क्वायर फीट था जो वर्तमान में 15 से 20 रुपये स्क्वायर फीट तक मिल रहा है. गिट्टी एक साल पहले 18 से 22 रुपये प्रति स्क्वायर फीट मिल रहा था, जो अभी 30 प्रति स्क्वायर फीट तक आ गया है. कुल मिलाकर एक साल पहले 1 हजार स्क्वायर फीट का मकान बनाने के लिए 7 लाख रुपये तक का खर्च आ रहा था, जो अभी 10 से 15 लाख रुपये तक आ रहा है.
बढ़ती महंगाई: एक साल में दोगुना हुआ ऑटो किराया, पेट्रोल-डीजल ने तोड़ी कमर
मुनाफाखोरी और पेट्रोल-डीजल की कीमतों ने बढ़ाये हैं दाम