नई दिल्ली/हैदराबाद : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में 2023-24 का आम बजट पेश किया. देश की आजादी के बाद ये पहला मौका है. जब बजट को महिला वित्तमंत्री ने ही तैयार किया है और महिला राष्ट्रपति ने ही बजट को मंजूरी भी दी है. यानि राष्ट्रपति और वित्तमंत्री दोनों ही महिला हैं. वित्त मंत्री ने अपने 5वें और देश के 75वें बजट में महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी कई घोषणाएं की है. वित्त मंत्री ने कहा कि 7 प्राथमिकताएं सप्तर्षियों की तरह हमें अमृत काल की ओर मार्गदर्शन प्रदान करेंगी.
- समावेशी विकास
- अंतिम मील तक पहुंचना
- बुनियादी ढांचा और निवेश
- संभावनाओं को उजागर करना
- हरित वृद्धि
- युवा शक्ति
- वित्तीय क्षेत्र
अमृत काल का पहला बजट :वित्त मंत्री ने बताया ''यह बजट अमृत काल का पहला बजट है. उन्होंने कहा यह बजट समृद्ध एवं समावेशी भारत की सोच है. वित्त मंत्री ने इसे अमृत काल का पहला बजट बताते हुए कहा कि ''हमारी आजादी के 75वें वर्ष में दुनिया ने भारतीय अर्थव्यवस्था को एक चमकते सितारे के रूप में पहचाना है.चालू वर्ष के लिए हमारी वृद्धि 7.0 प्रतिशत अनुमानित है. यह महामारी और युद्ध के कारण बड़े पैमाने पर वैश्विक मंदी के बावजूद सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है. भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और चुनौतियों के इस समय के बावजूद उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है, आज भारत सिर ऊंचा करके खड़ा है.''
आदिवासी छात्रों के लिए भी बड़ा एलान : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट पेश करते हुए शिक्षकों की नौकरी के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के लिए अच्छी खबर की घोषणा की. अपने बजट भाषण में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अगले तीन सालों में आदिवासी छात्रों को समर्थन देने वाले 740 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में 38800 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी.