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Budget 2023: मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाने मिलेट्स इंस्‍टीट्यूट को बनाएंगे सेंटर आफ एक्सीलेंस - center of excellence

आम बजट 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोटे अनाजों के उत्‍पादन को लेकर बड़ी घोषणा की है. वित्त मंत्री ने मोटे अनाजों के सबसे बड़े उत्‍पादक देश भारत में मिलेट्स यानि मोटे अनाजों के उत्‍पादन को बढ़ावा देने और अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर आपूर्ति के लिए मिलेट्स इंस्‍टीट्यूट को सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाने का निर्णय लिया है. center of excellence

Nirmala Sitharaman calls millets Maa Anna in budget speech
मिलेट्स इंस्‍टीट्यूट को बनाएंगे सेंटर आफ एक्सीलेंस

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Published : Feb 1, 2023, 2:35 PM IST

रायपुर/हैदराबाद:मिलेट्स रिसर्च में भारत को वैश्विक केंद्र बनाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिलेट्स इंस्‍टीट्यूट को सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाने की घोषणा की है. आम बजट पेश करते हुए वित्‍त मंत्री ने कहा कि "मिलेट्स जैसे कोदो, रागी, बाजरा, ज्‍वार, समां, कुट्टू, रामदाना आदि मोटे अनाजों के प्रोडक्‍शन को भारत में बढ़ाने के लिए सरकार बड़े कदम उठा रही है. इसके साथ ही मोदी सरकार एक साल में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए आर्थिक मदद प्रदान करेगी."

उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों के देंगे प्रशिक्षण:वित्त मंत्री ने कहा कि"मिलेट्स इंस्‍टीट्यूट न केवल मोटे अनाजों के उत्‍पादन को बढ़ाने की संभावनाओं पर काम करेगा, बल्कि किसानों को मोटा अनाज उगाने के लिए भी प्रशिक्षित करेगा." वित्‍त मंत्री ने इस बार कृषि ऋण के लक्ष्‍य को बढ़ाने का भी ऐलान किया है. डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि ऋण लक्ष्य बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपए किया जाएगा. मिलेट्स इंस्‍टीट्यूट के सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाने में हर तरह का सहयोग किया जाएगा.

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मिलेट्स प्रसंस्करण को लेकर छग में सबसे बड़ी पहल:मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मिलेट मिशन के तहत अक्टूबर 2022 में कांकेर के ग्राम नाथियानवागांव में देश के सबसे अधिक क्षमता वाले मिलेट प्लांट का लोकार्पण किया था. यहां 7 प्रकार की मशीनों से कोदो कुटकी और रागी को प्रसंस्कृत कर खाद्य अनाज जैसे दलिया, सूजी, आटा, सेवई, पास्ता, सूप मिक्स, बिस्कुट, कुकीज, लड्‌डू आदि बनाकर पैकेजिंग कर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचा जाएगा. इससे राज्य के 25 हजार किसानों को सीधा लाभ मिलेगा. उन्हें अपनी उपज का वाजिब दाम आसानी से मिलेगा. छत्तीसगढ़ सरकार ने रागी का समर्थन मूल्य 33.70 रुपए प्रति किलो, कोदो और कुटकी का 30 रुपए प्रति किलो तय किया है.

गेंहू चावल से बेहतर है पौष्टिकता:मिलेट एक साबुत अनाज है. मिलेट में पोषण तत्व की मात्रा ज्यादा होती है. इसमें ज्वार, रागी, कोदो, कुटकी, काकुन, सांवा, चीना, कुट्टु और चौलई शामिल हैं. यह अपने उच्च प्रोटीन स्तर और अधिक संतुलित अमीनो एसिड प्रोफाइल के कारण पौष्टिक रूप से गेहूं और चावल से बेहतर है. मिलेट्स की फसल के लिए कम पानी की जरूरत होती है. खराब मिट्टी और पहाड़ी इलाकों में इसकी खेती की जा सकती है. मिलेट्स में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, लोहा, मैंगनीज और जस्ता जैसे खनिज होते हैं.

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