सरगुजा:जम्मू काश्मीर में तैनात बीएसएफ जवान की ड्यूटी के दौरान मौत हो गई.जवान के मौत का कारण पीलिया बताया जा रहा है. मृत जवान का पार्थिव शरीर गुरुवार देर रात सरगुजा लाया गया. शुक्रवार को शंकरघाट स्थित मुक्तिधाम में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
पत्नी और दो बच्चे रहते थे साथ:जवान के निधन से शहर में शोक की लहर है. शहर के सत्तीपारा नेहरूवार्ड निवासी अजीत कुमार मांझी (BSF Jawan Ajit Kumar Manjhi) जम्मू कश्मीर में बॉर्डर सिक्यूरिटी फोर्स में तैनात थे. अजीत कुमार मांझी जम्मू कश्मीर में रहकर देश की सेवा कर रहे थे. एक माह पूर्व ही वे अपने माता-पिता से मिलने के लिए आए थे.
बीएसएफ जवान अजीत का अंतिम संस्कार बेटे से मिलने गये थे माता-पिता:अजीत ने छुट्टी के बाद जम्मू कश्मीर में जाकर ड्यूटी ज्वाइन कर लिया था. इस दौरान एक दिन अचानक तबीयत खराब होने पर उनकी जांच कराई गई तो डॉक्टरों ने पीलिया की पुष्टि की थी. जिसके बाद वहीं उनका उपचार चल रहा था. बीमारी की जानकारी मिलने पर उनके माता पिता भी बीएसएफ जवान बेटे से मिलने के लिए गए हुए थे. इसी बीच मंगलवार की रात अचानक उनकी मौत हो गई.
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20 साल हुए थे पूरे:अजीत कुमार मांझी का जून माह में बीएसएफ में 20 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण हो रहा था. अचानक उनके निधन से परिवार के साथ ही शहर में शोक का माहौल है. अजीत कुमार मांझी तीन भाई थे. उनके छोटे भाई रवि कुमार मांझी और सागर मांझी नेहरूवार्ड में माता-पिता के साथ रहते थे.
सेना के विमान से अजीत का पार्थिव शरीर लगाया गया सरगुजा:छोटे भाई रवि मांझी ने बताया, "उनके पार्थिव शरीर को सेना के हेलीकॉप्टर से रायपुर तक लाया गया. उनके माता-पिता निजी विमान से रायपुर पहुंचे. उनके पार्थिव शरीर को सड़क मार्ग से बीएसएफ द्वारा अम्बिकापुर लाया गया. जहां आज उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया."
अजीत को नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई: बीएसएफ की टीम अंतिम संस्कार में साथ थी. शहर के भी ज्यादातर लोग अंतिम संस्कार में शंकर घाट पहुंचे. सेना के लोगों ने अपने प्रोटोकॉल के अनुसार अजीत को अंतिम विदाई दी. पूरे राजकीय सम्मान के साथ अजीत को अंतिम विदाई दी गई. इस दौरान परिजन, सहकर्मी समेत शहर वासियों की भी आंखे नम रही.